
नीमच टुडे न्यूज | महेंद्र वशिष्ठ जब तक नीमच के सीएमओ रहे विवादों घिरे रहे। लापरवाही ऐसी थी कि उनके पास शहर विकास का कोई विजन नहीं था, न कभी वार्डों के भ्रमण पर जाते और न कभी साफ-सफाई कार्य देखते। घर पर ही फाइले बुलाकर निपटा देते और घर से बाहर नहीं निकले। उनकी शिकायतों का पुलिंदा इतना था कि निलंबित होने की संभावना पहले ही बन गई थी। शिकायतों के चलते ही दो महीने पहले नगरीय विकास विभाग के संयुक्त संचालक ने महेंद्र वशिष्ठ को सीएमओ पद से हटाकर शहरी विकास अभिकरण डूडा में अटैच कर दिया था और शिकायतों की जांच शुरू करा दी थी। अब नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त सांकेत भोडवे ने महेंद्र वशिष्ठ को निलंबित कर दिया। यह कार्यवाही अमृत विकास योजना 2.0 में लापरवाही बरतने पर की गई है।
दो इंजीनियर भी आए लपेटे में
सीएमओ के इस लापरवाही की गाज नीमच के दो इंजीनियरों पर भी गिरी। उनके साथ इंजीनियर अंबालाल मेघवाल को निलंबित कर दिया गया वहीं इंजीनियर अभिलाषा चौरसिया का एक माह का वेतन रोक दिया गया।
भ्रष्टाचार के लगे भरपूर आरोप
महेंद्र वशिष्ठ पर भ्रष्टाचार के भरपूर आरोप लगे। हर मामले में लिफाफा लेकर फाइल पर हस्ताक्षर करने के आरोप कई पार्षदों ने लगाए। नुकूल सर्राफा मामले में भी उन पर सेटलमेंट कराने के आरोप लगे, जिसको कर लोकायुक्त ने एक पार्षद पर कार्यवाही की थी।
पार्षदों ने कहा सबसे फ्लॉप सीएमओ
पार्षद राजेश लालवानी सहित कई पार्षद सीएमओ महेंद्र वशिष्ठ को सबसे फ्लॉप सीएमओ बता चुके हैं। सीएमओ पर कार्य नही करने और राजनीति करते रहे।
दो साल पीछे चला नीमच
महेंद्र वशिष्ठ की लापरवाही के कारण नीमच का विकास तो ठप हुआ ही साथ नीमच दो साल पीछे चला गया। जब महेंद्र वशिष्ठ नीमच सीएमओ रहे सिर्फ राजनीति करते रहे और भाजपा नेताओं को लड़ाकर खुद मजे मारते रहे।