NEEMUCH

नीमच टुडे न्यूज़ | आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। यह केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय राजनीति के एक युग का प्रतीक बन चुका है। वडनगर के एक साधारण परिवार से निकलकर देश के सबसे प्रभावशाली नेता बनने तक का मोदी का सफर प्रेरणादायक है।

वडनगर की गलियों से राजनीति के शिखर तक

गुजरात के वडनगर के काला वासुदेव चौक में खपरैल की छत वाले एक छोटे से घर में 17 सितंबर 1950 को नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ। उनके पिता दामोदरदास मोदी स्टेशन पर चाय की रेहड़ी लगाते थे और मां हीराबा गृहिणी थीं। नरेंद्र मोदी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई वडनगर के कुमारशाला-1 से की।

 

संघ से जुड़ाव और आत्मिक खोज

8 वर्ष की उम्र में मोदी RSS की शाखाओं से जुड़ गए। 1958 में लक्ष्मणराव इनामदार से मुलाकात ने उनके विचारों को आकार दिया। किशोरावस्था में घर-परिवार छोड़कर मोदी ने रामकृष्ण मिशन, बेलूर मठ, और हिमालय की यात्रा की।

 

सक्रिय राजनीति में प्रवेश

संघ में वर्षों तक काम करने के बाद मोदी 1985 में भाजपा से जुड़े। उन्होंने संगठन में माइक्रो-मैनेजमेंट की नई परिभाषा गढ़ी। 1990 की राम रथयात्रा और 1992 की एकता यात्रा के दौरान मोदी की संगठन क्षमता ने उन्हें राष्ट्रीय नेताओं के करीब पहुंचाया।

मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री तक

2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद मोदी का करियर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा। 2002 के दंगों के बाद आलोचना भी हुई लेकिन सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिलने के बाद वे और मजबूत होकर उभरे।2014 में भाजपा ने उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया और पार्टी को 282 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिला। इसके बाद 2019 और 2024 में भी जीत का सिलसिला जारी रहा।