NEEMUCH
नीमच टुडे न्यूज़ | जनपद पंचायत नीमच के सभाकक्ष में दिनांक 04 दिसम्बर 2025 को बाल विवाह रोकथाम के लिए संचालित 100 दिवसीय जनजागरूकता अभियान के तहत सचिवों एवं ग्राम रोजगार सहायकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी एवं संबंधित विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नीमच आरिफ़ खान, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास इरफ़ान अंसारी, सहायक यंत्री राजेश आर्य, आवास नोडल अविनाश भंडारी, पंचायत निरीक्षक आर.एल. मालवीय, सुपरवाइजर पिंकी भाटिया एवं सारिका केदार, स्वच्छ भारत मिशन के ब्लॉक समन्वयक प्रवीण नाथ, मनरेगा APO ऋतुराज बाथम, सहायक विकास विस्तार अधिकारी, पंचायत समन्वयक अधिकारी, सचिव एवं सहायक सचिव उपस्थित रहे। प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए सीईओ आरिफ़ खान ने कहा कि बाल विवाह कानूनन दंडनीय अपराध है और इसके प्रति जन-जागरूकता आवश्यक है।

उन्होंने निर्देश दिए कि—
- पंचायत स्तर पर प्रत्येक विवाह का अनिवार्य पंजीयन किया जाए।
- शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने हेतु नवविवाहित जोड़ों को समग्र पोर्टल पर दर्ज करना आवश्यक है।
- इसके लिए वधू की आयु 18 वर्ष से अधिक होना अनिवार्य है।
- बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी
- परियोजना अधिकारी इरफ़ान अंसारी ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि—
- धारा 9, 10, 11 के अनुसार यदि कोई बालक (लड़का) बाल विवाह करता है, तो उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
- यदि कोई व्यक्ति, अभिभावक, संरक्षक बाल विवाह को प्रोत्साहित करता है या आयोजित करता है, तो उस पर सख्त दंड का प्रावधान है।
- विवाह से जुड़े पुजारी, बैंड, टेंट, केटरिंग, हलवाई, वाहन प्रदाता आदि यदि बाल विवाह में सहयोग करते हैं, तो वे भी अपराधी माने जाएंगे।
सजा: अधिकतम 02 वर्ष का कारावास, ₹01 लाख तक का जुर्माना, अथवा दोनों।
