NEEMUCH
नीमच टुडे न्यूज़ | रतनगढ़ में देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों मुंशी प्रेमचंद, रवींद्रनाथ टैगोर, सोहनलाल द्विवेदी और लियो टॉलस्टॉय के साथ अब समकालीन साहित्यकार ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश' की रचनाएँ भी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हो गई हैं। उनकी कहानी 'कलम की पूजा' कक्षा आठवीं और 'शिप्रा की आत्मकथा' कक्षा पांचवी के हिंदी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनी हैं।कक्षा आठवीं में 'कलम की पूजा' को मुंशी प्रेमचंद की 'ईदगाह', टैगोर की 'छोटी-सी हमारी नदी' और सोहनलाल द्विवेदी की 'बढ़े चलो' के साथ रखा गया है। वहीं, कक्षा पांचवी में 'शिप्रा की आत्मकथा' विद्यार्थियों को आत्मकथा विधा से परिचित कराएगी।शिक्षाविदों का मानना है कि इस समावेश से विद्यार्थियों को न केवल आधुनिक हिंदी साहित्य से परिचय मिलेगा, बल्कि रचनाओं में निहित नैतिकता और प्रेरणादायक संदेश भी उनके व्यक्तित्व विकास में सहायक होंगे। यह कदम बच्चों को विविध साहित्यिक शैलियों से जोड़ने का महत्वपूर्ण प्रयास है।
