जो मां बाप के दुखते पैरों को दबाते, उन बेटों को तीर्थों की जरूरत नहीं होती- कवि रजनीश शर्मा | @NeemuchToday

नीमच टुडे न्यूज़। चैत्र नवरात्रि पावन पर्व के उपलक्ष में आवरी माता मेले में मेला समिति द्वारा आयोजित 19 वें विशाल नौ दिवसीय मेले में चौथे दिन गुरुवार को हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें प्रदेश के ख्यातनाम कवियों ने सांस्कृतिक मंच से कविता पाठ किया। मंच संचालक की बेहतरीन संचालन के चलते काव्य प्रेमियों को कवि सम्मेलन में काव्य रचनाओं की सरिता में आधी रात तक डुबोएं रखा। 


कवियों ने श्रोताओं की कमजोर नब्ज को पकड़ते हुए काव्य मंच से कविता कम व चुटकुले व कहानियां सुनाएं। कुचडौद से आए केवल एकमात्र कवि संदीप जैन शौर्य ने 12 बजे बाद मंच संभालते हुए कविता को जीवंतता के साथ प्रस्तुत कर कवि सम्मेलन की सार्थकता को सिद्ध करने का काम करते हुए आशीष जो मिला उन्हें संत और साधुओं का जो भी पाप व संताप को भुला दिया, वामन ने तीन पैर धरती को नाप लिया धरती ने सारे चाप माप को भुला दिया। गांव का बेटा बात गांव की तुम्हें सुनाता है देने आया तुम्हें निमंत्रण गांव बुलाता है......, गांव के परिवेश एवं संस्कृति की याद दिलाते हुए काव्य पाठ किया। बिनोता से आए कवि अंशुमान आजाद मंच संचालक  ने तो काव्य पाठ करने आए मंच पर विराजमान कवि परिचय के साथ ही संचालक ने कोई हो राम जिसने पिता की आज्ञा पर राज्य को छोड़ा हो, कोई एकलव्य जिसने गुरु दक्षिणा में अंगूठा तोड़ा हो कोई गुरु गोविंद जिसने मातृ भूमि पर चारों बेटे वार दिए, कोई अभिमन्यु जो रण में कूद पड़ा था पांडवों का भार लिए कोई चेतन जिसने राणा संग अपना धर्म निभाया हो कोई पन्ना जिसने मातृ भूमि के खातिर पुत्र गवाया हो प्रेम के किरदार सियाराम की जोड़ी है शानदार काव्य रचनाओं सुनाई जिसको श्रोताओं ने एकाग्रचित्त होकर पूरे मनोभाव से सुना। 
सीतामऊ से आए रजनीश शर्मा ने लोगों को हास्य कविता के माध्यम से खूब हंसा कर माहौल बनाने की बखूबी जिम्मेदारी निभाते हुए चुटकुला व हास्य कविता से जीवन की हकीकत घटनाओं से रूबरू कराते हुए गंजेपन के फायदे और नुकसान बताते हुए खूब तालियां बटोरी।

पिता के प्रति जागरूक करते हुए कविता के माध्यम से रचनाएं पढ़ते हुए कहा कि बरसती है रहमत है उसे रब की जरूरत उनकी जहां होती हैं, दुआएं तो बिन मोल मिलती है कीमत उनकी कहां होती है, ओर अपने मां-बाप के दुखते पैरों को जो दबाता है हर रोज, उस बेटे को फिर तीर्थों में जाने की जरूरत कहां होती है। तो वही  कविता का प्रथम कलश राजस्थान कांकरोली से आई श्रृंगार रस की कवयित्री भावना लौहार ने प्रेम के प्रति सामाजिक परिवेश पर प्रभावी काव्य पर पाठ कर अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज करवाते हुए अपने नए गीत गजलों के माध्यम से श्रोताओं के दिलों में छाप छोड़ने का प्रयास करते हुए तू ही सुबह मेरी तू ही मेरी शाम हो, यह मेरी जिंदगी मस्त मेरे पास है,तू मेरे बनकर रहना बिछुडना नहीं , मैं तेरी राधिका तू ही मेरा शाम है।  

यह आंखें हर किसी के वास्ते तो नाम नहीं होती, समझती गम मगर हर दम कहीं हमदम नहीं होती, उम्र के साथ में हर चीज घटती है मगर सच में,उम्र के बीतने पर भी मोहब्बत कम नहीं होती। रतनगढ़ से आए ओजस्वी रस कवि चेतन चारण ने ओजस्वी शब्दों में कविता के माध्यम से कवि सम्मेलन को उत्कृष्टता की ओर ले जाने में जी जान लगाते हुए .. कोई हो राम जिसने पिता की आज्ञा पर राज्य को छोड़ा हो, कोई एकलव्य जिसने गुरु दक्षिणा में अंगूठा तोड़ा हो, कोई गुरु गोविंद जिसने मातृ भूमि पर चारों बेटे वार दिए, कोई अभिमन्यु जो रण में कूद पड़ा था पांडवों का भार लिए, कोई चेतक जिसने राणा संग अपना धर्म निभाया हो, कोई पन्ना जिसने मातृभूमि के खातिर पुत्र कटाया हो...। प्रतापगढ़ से आए हास्य कवि मनोहर मन्नु ने बुढ़े माता पिता के लिए अपनी काव्य रचना पढ़ते हुए.. जिनके आंचल में रहकर हम सजते संवरते हैं, हमारी खुशियों के खातिर उनके हजारों सपने मरते हैं, लेकिन इस जमाने में आज के बेटों को यहां लाकर छोड़ दिया, कि बुढ़ापे में वही मां-बाप दो रोटी के लिए तरसते हैं। 


कार्यक्रम के प्रारंभ में सर्वप्रथम रंगमंच पर आवरी माता जी की तस्वीर पर आमंत्रित मुख्य अतिथि हरनावदा पंचायत सरपंच कन्हैयालाल मेघवाल, अध्यक्षता के रूप में ओमप्रकाश जाट हरनावदा जनपद पंचायत पूर्व सदस्य जगदीश पाटीदार द्वारा दीप प्रज्वलित व माल्यार्पण कर कवि सम्मेलन कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वही मेला समिति द्वारा आमंत्रित अतिथियों एवं कवियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम के अंत में मेला समिति राजेश जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया।

रंगमंच पर आज शुक्रवार को भव्य भजन संध्या----

जगत जननी आरोग्य देवी महामाया आवरी माता जी मन्दिर पर आयोजित नौ दिवसीय विशाल मेले में रंगमंच पर आज शुक्रवार को मेला समिति के सहयोग से मनचला ग्रुप MP 44 के भजन गायक अर्पित अलबेला भजन गायक सुरज शर्मा, मनीष मनचला, भजन गायिका ममता मेवाड़ी, अल्का राजस्थानी द्वारा एक से बढ़कर एक सुमधुर भजनों की प्रस्तुति देंगे। मेला समिति सभी सदस्यों ने क्षेत्र के समस्त धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक संख्या में निर्धारित समय पर पहुंचकर धर्म लाभ उठाएं।

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