नीमच टुडे न्यूज़। 10 दिवसीय रामलीला मंचन के पांचवें दिन शनिवार को धार्मिक रंगारंग मंच पर 1008 श्री महंत पुरुषोत्तम दास महाराज के आशीर्वाद से गणपत गुरु के सानिध्य में वाल्मीकि, तुलसीकृत, केशव, राधेश्याम और जसवंत पांचो रामायण महापुणों ग्रंथ का निचोड़ निकालकर उनके सारांश के आधार पर प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा एक से बढ़कर एक रामायण के पत्र का मंचन बड़े ही मार्मिक माहौल के साथ रामलीला का मंचन का आयोजन किया जा रहा है। राम की लीला का मंचन देखने के लिए ग्रामीण अंचलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ रहा है।
रामलीला के मंचन के चौथे दिन शनिवार को कार्यक्रम के प्रारंभ में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस सहायता केंद्र चौकी प्रभारी वीरेंद्र सिंह बिसेन, कार्यक्रम की अध्यक्षता के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता पण्डित परशुराम शर्मा द्वारा रामायण ग्रंथ पर द्वीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर आरती के पश्चात रामलीला मंचन का श्री गणेश किया। रामलीला मंचन समिति के अध्यक्ष भगत मांगरिया द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। रामलीला के मंचन के दौरान भगवान श्री राम का विवाह जनक नंदिनी माता जानकी का प्रसंग हजारों श्रद्धालुओं का आकर्षण का केंद्र रहा। भगवान श्री राम दूल्हे के रूप में घोड़ी पर सवार होकर बजरंग मंदिर से बारात लेकर रामलीला रंगमंच तक बिंदोली के रूप में पहुंचे जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु के अलावा पुलिस भी बाराती बन फटकों की आतिशबाजी करते हुए ढोल ढमाकों के साथ नाचते झूमते हुए पहुंचे। जहां भगवान श्री राम ने तोरण भी मारा। तो कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चौकी प्रभारी वीरेंद्र सिंह बिसेन द्वारा बारातियों का फूल वर्षा कर स्वागत भी किया, तो विवाह की रस्म भी पूरी करी। धार्मिक रंग मंच पर भगवान श्री राम (आयुषी राव)और माता जानकी (हर्षिता राव) ने आकर्षक स्वांग रचा और एक दूसरे को वरमाला डाली।रामलीला के रंगारंग मंच पर विशेष रूप से लक्ष्मण और परशुराम संवाद, रानी केकई और दासी मंथरा के बीच संवाद तथा राजा दशरथ केकई के बीच संवाद बड़े ही मार्मिक ढंग से भरत को अयोध्या का राजा और भगवान श्री राम को 14 वर्ष का वनवास दो वरदान को लेकर मंचन किया गया। जिसको हजारों दर्शकों ने खूब सराहा।
कल सोमवार को भगवान श्री राम और भैया भारत का मिलाप, सुरपनखा की कटेगी नाक-----
बजरंग नाट्य कला रामलीला मंडल के तत्वाधान में आयोजित 10 दिवसीय राम की लीला का मंचन के कल छठे दिन सोमवार को रामलीला के रंग मंच पर मुख्य रूप से भगवान श्री राम जी के 14 वर्ष के वनवास के दौरान चित्रकूट पर भगवान श्री राम जी और भैया भरत का मिलाप का और माता सीता जी का रावण द्वारा हरण का जिवंत प्रसंग का रुपांतरण कर दर्शाया जाएगा। लंकापति रावण की बहन सुरपनखा वनवास के दौरान पंचवटी पर भगवान श्री राम और लक्ष्मण के पास विवाह का प्रस्ताव लेकर जायेगी। उसी दौरान लक्ष्मण द्वारा सुरपनखा की नाक काटी जायेगी। रामलीला के धार्मिक रंग मंच पर प्रतिदिन रात्रि 8:30 बजे से देर रात 12 बजे तक बड़े ही आकर्षक ढंग से राम की लीला का मंचन किया जा रहा है। रामलीला मंचन समिति के समस्त पदाधिकारीयों ने क्षेत्र की समस्त धर्म प्रेमी जनता से अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक संख्या में निर्धारित समय पर पहुंचकर धर्म का लाभ ले।