नीमच टुडे न्यूज़ | राजस्व महा-अभियान प्रथम चरण (जनवरी मार्च 2024) एवं द्वितीय चरण (18 जुलाई 2024 से 31 अगस्त 2024) की सफलता को देखते हुए, मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के निर्देशानुसार राजस्व विभाग के राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण और राजस्व अभिलेख त्रुटियों को ठीक करने हेतु राजस्व महा-अभियान 3.0 का आयोजन 15 नवम्बर से 15 दिसम्बर 2024 तक किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस राजस्व महाअभियान के तहत राजस्व न्यायालयों (आर.सी.एम.एस.) में लम्बित प्रकरणों (नामांतरण, बँटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, सीमांकन) का निराकरण, नए राजस्व प्रकरणों को आर.सी.एम.एस. पर दर्ज कराना, नक्शे पर तरमीम, पी.एम.किसान का सैचुरेशन, आधार का आर.ओ.आर. से लिंकिंग, परम्परागत रास्तों का चिन्हांकन, फार्मर रजिस्ट्री, स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन के उद्देश्य से अभियान में विभिन्न गतिविधियॉं सम्पादित की जाएगी।
नामांतरणः- समय सीमा बाह्य नामातंरण प्रकरणों (विवादित, अविवादित) का निराकरण सुनिश्चित करते हुए, नवीन दर्ज प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण किया जाना सुनिश्चित करेंगे। उत्तराधिकार नामांतरण के अतंर्गत ग्राम के पटवारी द्वारा बी1 का वाचन कराया जाकर ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार की जाएगी, जिनकी मृत्यु हो चुकी हैं। तदनुसार प्रकरण दर्ज कर फौती नामांतरण की कार्यवाही की जाएगी।
बंटवारा:- समय सीमा बाह्य बंटवारा प्रकरणों का निराकरण करेंगे और नवीन दर्ज प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि भूमि की सीमा नक्शे में उपलब्ध होने पर विवादों का निराकरण किया जा सके।
अभिलेख दुरुस्तीः- 6 माह की अवधि से लंबित सभी प्रकार के अभिलेखों के शुद्धिकरण के प्रकरणों का निराकरण शीघ्र किया जाना सुनिश्चित किया जावेगा।
सीमांकनः- आर.सी.एम.एस. पर दर्ज लंबित सीमाकंन प्रकरणों का त्वरित निराकरण एवं नवीन प्रकरणों को दर्ज कर निराकृत किया जावेगा।
परंपरागत रास्तों का चिन्हांकनः- राजस्व महा अभियान के अंतर्गत धारा 131 के तहत मान्यता प्राप्त सड़क, रास्ते, सार्वजनिक भूमियों का चिन्हांकन किया जावेगा। इसके तहत रास्ता विवाद, जल निकासी विवाद आदि प्रकरणों का निराकरण भी किया जायेगा।
नक्शे में बटांकनः- कुछ ग्रामों के खसरा तथा नक्शे में लिंक स्थापित नहीं है और नागरिकों को उपलब्ध कराये जा रहे नक्शे पूर्णतः शुद्ध नहीं हैं। खसरा एवं नक्शा में एकरूपता नहीं होने से सम्बन्धित कृषक समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।
खसरे में बटांकन होना परंतु नक्शे में नही होना:- नामांतरण, बंटवारा आदेश के आधार पर यदि खसरे में तो बटांकन किया गया, परंतु उसका तरमीम नक्शे पर अमल नहीं की गई हो, तब इस प्रकार की त्रुटि नक्शे में दिखाई देती हैं। इस प्रकार की त्रुटि को ग्राम नक्शा में उपलब्ध खसरा बटांकन सूची के अनुसार भूलेख पोर्टल पर नक्शा बटांकन (मैप रेक्टिफिकेशन) मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा नक्शे में तरमीम अमल का कार्य किया जा सकता हैं। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुधार किया जाएगा।
खसरा नंबर का एक से अधिक बार होनाः- नक्शे के दो पार्सल में एक ही खसरा नंबर दर्ज है, जबकि नक्शा में प्रत्येक पार्सल पर एक यूनीक खसरा नंबर दर्ज होना चाहिए, इस प्रकार की त्रुटि से खसरा एवं नक्शा लिंकिंग में समस्या होती है और कम्प्यूटर यह पता नहीं कर पाता, कि जिस खसरा नंबर का दोहराव हो रहा है। इस प्रकार की त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर "नक्शा संख्या अद्यतन"(Map Number/ Attribute Update) मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा किया जाएगा।
आधार से आर.ओ.आर. खसरे की लिंकिंग:- भूलेख पोर्टल पर जाकर आवेदक अपने खसरे को आधार से लिंक कर सकता है, जिसका सत्यापन पटवारी द्वारा किया जाएगा।
फार्मर रजिस्ट्री:- प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री का प्रबंधन mpfr.agristack.gov.in पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है, कि कृषक किसान क्रेडिट कार्ड हेतु ऑनलाईन आवेदन कर सके एवं नियमानुसार पात्रता होने पर 30 मिनिट में राशि किसानों को प्राप्त हो सके। इसके माध्यम से पी.एम.किसान योजना हेतु आवेदन भी किया जा सकेगा। पी.एम.किसान योजना हेतु फार्मर आईडी को दिसम्बर 2024 से अनिवार्य किया गया है, कृषक स्वयं अथवा पटवारी फार्मर आईडी बनाये जाने की कार्यवाही कर सकते हैं। छूटे हुए पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन भी संबंधित पटवारी द्वारा किया जा सकता है एवं किसान भी उक्त पोर्टल एवं एप के माध्यम से कार्यवाही कर सकते हैं।