नीमच टुडे न्यूज़ | धार्मिक संस्कार प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से बच्चों में जबरदस्त परिवर्तन आया है। कुछ बच्चों ने मोबाइल का त्याग कर दिया ।कुछ बच्चों ने आतिशबाजी नहीं चलाने का संकल्प लिया। और कुछ बच्चे प्रतिदिन मंदिर जाना सीख गए हैं। तो कुछ बच्चे माता-पिता के चरण वंदन करने लग गए हैं। रात्रि भोजन का त्याग कर दिया है तो कुछ बच्चों ने जमीन कंद का त्याग कर दिया है। यह बात आचार्य जिन सुंदर सुरी श्रीजी महाराज ने कहीं ।वे जैन श्वेतांबर श्री भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर श्री संघ ट्रस्ट पुस्तक बाजार के तत्वावधान में मिडिल स्कूल मैदान स्थित जैन भवन में धर्म आगम पर्व पर आयोजित धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि शिविर से बच्चों में अनेक संस्कारों में परिवर्तन आया है कुछ बच्चे मंदिर जाकर पूजा करना सीख गए हैं।
कुछ बच्चे प्रतिदिन अष्ट प्रकारी पूजा कर अभ्यास कर रहे हैं। पन्यास रुचि विजय महाराज ने कहा कि शिक्षण शिविर संस्कारों के प्रभाव से बच्चे प्रतिदिन सुबह जल्दी 5 बजे उठना सीख गए हैं। कुछ बच्चे मंदिर जाना सीख गए हैं। तो कुछ प्रभु पूजा भक्ति करना सीख गए हैं। बच्चों के संस्कारों में अनेक परिवर्तन सामने आ रहे हैं। इस अवसर पर पुस्तक बाजार जैन आराधना भवन में आयोजित अष्टप्रकारी प्रशिक्षण शिविर में 171 बच्चों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया जिन्हें भीडभंजन पार्श्वनाथ मंदिर मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल नागौरी, सचिव मनीष कोठारी द्वारा पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। तीन सिद्धि तक के तपस्वी बच्चों को सोने की चेन प्रदान की गई, तथा 16 बच्चों को विभिन्न तपस्या के लिए साइकिल पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया।
तपस्या करने वाले 171 बच्चों को 504 विभिन्न पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में अष्टप्रकारी पूजा से संबंधित विभिन्न नृत्य एवं नाटिका बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम का संचालन ट्रस्ट सचिव मनीष कोठारी ने किया इस अवसर पर मनोहर सिंह लोढ़ा, शोभागमल डोसी, राजेश मानव, अंकुर लोढा, सहित अनेक समाज जन उपस्थित थे | आचार्य भगवंत जिनसुंदर सुरिजी मसा, धर्म बोधी सुरी श्रीजी महाराज आदि ठाणा 8 का सानिध्य मिला। प्रवचन एवं धर्मसभा हुई। प्रतिदिन सुबह 9 बजे प्रवचन करने के व साध्वी वृंद के दर्शन वंदन का लाभ नीमच नगर वासियों को मिला प्रवचन का धर्म लाभ लिया।