तलवार से अंगूठा काटकर खून से होगी राजतिलक की रस्म:विश्वराज सिंह मेवाड़ को कल बैठाया जाएगा राजगद्दी पर,

नीमच टूडे न्यूज़ | उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य व पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद अब उनके बड़े बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ गद्दी पर बैठेंगे। 25 नवंबर यानी सोमवार को इसका दस्तूर किया जाएगा। राज परिवारों की परंपरा को निभाते हुए म्यान से ​तलवार निकालकर अंगूठे पर चीरा लगाकर विश्वराज सिंह के माथे पर खून से तिलक लगाया जाएगा।

दस्तूर कार्यक्रम चित्तौडगढ़ (दुर्ग) के फतह प्रकाश महल में 25 नवंबर को होगा, जिसमें देशभर के पूर्व राजघरानों के सदस्य, रिश्तेदार और गणमान्य नागरिक आएंगे। दस्तूर में किस तरह राज परिवारों की परंपरा को निभाया जाएगा, गद्दी पर विराजने के साथ ही किस तरह की गतिविधियां होंगी, इसे जानने के लिए मेवाड़ जन संस्थान के संयोजक प्रताप सिंह झाला 'तलावदा' से भास्कर ने बातचीत की।
मुहूर्त के अनुसार होता है दस्तूर का कार्यक्रम
उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के साथ करीब 30 साल तक रहे प्रताप सिंह झाला 'तलावदा' ने बताया- दस्तूर एक तरीके से राजतिलक ही होता है। इसके लिए बाकायदा मुहूर्त निकलवाया जाता है। विश्वराज सिंह मेवाड़ का दस्तूर भी मुहूर्त के अनुसार 25 नवंबर को होगा। झाला ने उदाहरण देते हुए कहा- जैसे महाराणा प्रताप का राजतिलक गोगुंदा में किया गया था, लेकिन मुहूर्त से उनका राज्याभिषेक कुंभलगढ़ में हुआ था।

उत्तराधिकारी के लिए नई राजगद्दी
पूर्व राजपरिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के साथ ही उनकी राजगद्दी दान में चली गई है। इसका मतलब सिर्फ इतना होता है कि उत्तराधिकारी के लिए नई राजगद्दी को बनाया जाता है।

विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक का मुहूर्त निकलने के साथ ही उनके लिए नई राजगद्दी बनाने का काम शुरू कर दिया गया था। फतह प्रकाश महल (चित्तौड़गढ़) में राजगद्दी की पूजा विधि अनुसार की जाएगी।
 

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