नीमच टूडे न्यूज़ |भगवान का भजन मन से करना चाहिए तभी भगवान के दर्शन हो सकते हैं। जो सत्संग में सच्चे मन श्रदा और विश्वास के साथ भजन करते हैं उन्हें भगवान अवश्य मिलते हैं। सत्संग के बिना भगवान नहीं मिलते हैं सदैव अच्छे व्यक्ति की संगत करना चाहिए अच्छे व्यक्ति की संगत करने से अच्छे संस्कार आते हैं और बुरे व्यक्ति की संगत करने से बुरे संस्कार आते हैं इसलिए सदैव बुरी संगत से बचना चाहिए और अच्छे लोगों की संगत करना चाहिए तभी जीवन का कल्याण हो सकता है
यह बात संत श्री भक्ति प्रिया इंदौर की शिष्या एवं ईश्वरीय प्रेम आश्रम इंदौर की साध्वी विष्णु प्रिया जी ने कहीं।वे भागेश्वर महादेव आश्रम मंदिर में सुबह 9 बजे आयोजित धार्मिक सत्संग प्रवचन में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि भक्ति करे तो भक्त शिरोमणि शबरी की तरह करें।परमात्मा से बार-बार सद्बुद्धि प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करना चाहिए तभी हमारे जीवन का कल्याण हो सकता है। राम रस की भक्ति का प्याला सुबह-शाम पीना चाहिए। जिस प्रकार सिलाई मशीन में नियमित सफाई करने से मशीन में जंग नहीं लगता है उसी प्रकार मनुष्य की आत्मा में निरंतर भक्ति करने से आत्मा पवित्र होती रहती है। मन विचलित नहीं होता है। साधु संत मान और अपमान दोनों स्थिति में समभाव में रहते हैं। संत और गुरु का स्वभाव मां के वात्सल्य के समान होता हैं । संसार की मोह माया में भजन सत्संग में आने के बाद भी भगवान से जुड़ने नहीं देती है। सत्संग श्रवण मनन कर जीवन में आचरण में लाना चाहिए।
विभिन्न प्रश्नों के उत्तर साध्वी विष्णु प्रिया जी के मुखारविंद से श्रद्धालु भक्तों को मार्गदर्शन के रूप में प्रदान किये जा रहे हैं। साध्वी संत श्री भक्ति प्रिया इंदौर की शिष्या ईश्वरीय प्रेम आश्रम इंदौर की साध्वी विष्णु प्रिया जी के अमृत प्रवचन श्री राम कथा पर आधारित सत्संग ज्ञान गंगा प्रतिदिन भागेश्वर महादेव आश्रम मंदिर पर 15 से 26नवम्बर तक सुबह 9 से 10:30 बजे तक प्रवाहित हो रही हैं।