नीमच टुडे न्यूज़ | सिंगोली कस्बा स्थित तुरकिया में निवासरत काल भैरव मंदिर सेवादार शहजाद पठान के साथ उसके ही कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी कर मंदिर समिति को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाने का मामला उजागर हुआ है। बताया जाता है कि कर्मचारियों ने कमिश्नर के आदेशानुसार सेवादार शहजाद पठान के नाम रजिस्टर्ड होने वाले काल भैरव मंदिर समिति की जमीन का अन्य व्यक्तियों के नाम विक्रय पंजीयन करवा दिया है। दरअसल यह भूमि एक आदिवासी के नाम थी जिसे शहजाद पठान ने अपने एक विश्वसनीय व्यक्ति के नाम खरीदा और भूमि पर व्यवसायिक प्रतिष्ठान स्थापित करते हुए लाभांश में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी मंदिर समिति के लिए तय कर दी।
शहजाद पठान ने जब भूमि का मंदिर समिति के नाम संयुक्त पंजीयन करवाना चाहा तो नीमच कलेक्टर ने आवेदन को खारिज कर दिया। बाद में उसने उज्जैन कमिश्नर के समक्ष अपील दायर कर भूमि का संयुक्त पंजीयन आदेश प्राप्त कर लिया। लेकिन उधर कर्मचारियों ने कमिश्नर के आदेश के विरुद्ध धोखाधड़ी पूर्वक भूमि का विक्रय पंजीयन अन्य व्यक्तियों के नाम करवा लिया। जब शहजाद को यह जानकारी मिली तो उसने तहसील कार्यालय जाकर नामांतरण पर आपत्ति दर्ज करवाई। हालांकि सिंगोली तहसीलदार ने उक्त नामांतरण को तो निरस्त कर दिया। लेकिन कर्मचारियों की नियत में खोट आने से विवाद उत्पन्न हो गया है। अब मामला नीमच एस पी के समक्ष भी पहुंच गया है।
बताया जाता है कि शहजाद पठान सिंगोली कस्बा स्थित तुरकिया में निवास करता है, तथा उसके मकान के पास जीर्ण शीर्ण काल भैरव का मंदिर था, जिसका जीर्णोद्धार करवाने के बाद रखरखाव हेतु उसने एक समिति का गठन किया था। तथा व्यवसायिक दृष्टि से नीमच सिंगोली मार्ग स्थित कछाला गौ शाला के पास कृषि भूमि खरीदकर, स्थापित होने वाले औद्योगिक व्यवसाय में 51 प्रतिशत लाभांश पर काल भैरव मंदिर समिति की हिस्सेदारी तय करदी थी। लेकिन औद्योगिक व्यवसाय की देखरेख हेतु नियुक्त कर्मचारी शरीफ पठान और अर्जुन सिंह ने ही उसके साथ धोखाधड़ी कर जमीन की अन्य व्यक्तियों के नाम रजिस्ट्री करवा दी। अब वे सेवादार शहजाद पठान सहित काल भैरव मंदिर समिति के सदस्यों को व्यवसायिक प्रतिष्ठान पर जाने से रोक रहे है। परेशान सेवादार शहजाद पठान और समिति सदस्यों ने नीमच एसपी के समक्ष आवेदन देकर धोखाधड़ी करने और आदेश के विरुद्ध भूमि पंजीयन कराने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।