सिंगोली कृषि मंडी में शुरू हुआ कारोबार व्यापारियों ने पूर्व मंत्री से किया वादा निभाया, प्रथम दिन मक्का मूंगफली सोयाबीन डॉलर चना की हुई खरीदी बिक्री | @NeemuchToday

नीमच टुडे न्यूज़ | नीमच जिले की सिंगोली कृषि उपज मंडी में लंबे समय बाद सोमवार से व्यापारिक कारोबार शुरू हो गया है। इससे पूर्व क्षेत्रीय विधायक एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा से व्यापारियों ने किया वादा निभाया सोमवार देर शाम प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार मंडी परिसर में किसानों सहित व्यापारियों और मजदूरों को महसूस होने वाली असुविधाओं के बीच चलती मंडी कोरोना काल में बंद हो गई थी। जिसे चालू करने के लिए कई बार प्रयास किए गए लेकिन व्यापारियों ने मंडी परिसर में उपज खरीदी शुरू नहीं की। वावजूद व्यापारियों द्वारा मंडी परिसर में गोदाम और शेड का बराबर उपयोग किया जा रहा था। वही मंडी बंद होने से क्षेत्र के किसानों को उपज का उचित दाम नहीं मिल पा रहा था ऐसे में किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिए नीमच मंदसौर पिपलिया मंडी सहित आसपास राजस्थान की मंडियो में उपज को ले जाना पड़ रहा था।

इस बीच किसानों की परेशानियों को देखते हुए सिंगोली मंडी को फिर से चालू करने की कवायत शुरू हुई। इस बाबत जावेद विधायक एवं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने पहल करते हुए व्यापारियों सहित बड़े उद्योगपतियों से मंडी को शुरू करने की चर्चा की इस पर उद्योगपतियों ने सिंगोली मंडी से सीधे कारोबार शुरू करने की इच्छा जताई। लेकिन स्थानीय व्यापारियों ने भी कुछ कमियां पूरी करने की शर्त पर 21 अक्टूबर से मंडी में कारोबार शुरू करने पर सहमति दे दी। व्यापारियों ने अपना वादा पूरा करते हुए 21 अक्टूबर सोमवार को कारोबार शुरू कर दिया। मक्का मूंगफली सोयाबीन डॉलर चना सहित विभिन्न जिंसों की मंडी परिसर में खरीदी बिक्री हुई।

जिंसों की खरीदी बिक्री के दौरान नगर परिषद अध्यक्ष सुरेश चंद जैन भाया बगड़ा पूर्व सांसद प्रतिनिधि राजकुमार मेहता भी मंडी परिसर पहुंचे जहां पर उन्होंने उपज लेकर आए किसानों से मुलाकात की एवं हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया और क्षेत्र के किसानों से अपील करते हुए कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा अपनी उपज बेचने के लिए मंडी परिसर लाये ताकि उन्हें उनकी उपज का वाजिब दाम मिल सके इस दौरान शाम करीब 4:00 बजे खरीदी बिक्री पूर्ण होने के बाद अचानक हुई बारिश से व्यापारियों की उपज गीली हो गई। व्यापारियों का कहना है की बारिश में गीली हुई उपज का  उसकी गुणवत्ता में फर्क पड़ेगा तथा उचित दाम मिलना भी मुश्किल हो जाएगा।

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