क्या मुख्यमंत्री यादव ऋण मुक्तेश्वर / मंगल घाट शिप्रा में डुबकी लगाएंगे - इंजी नवीन कुमार अग्रवाल | @NeemuchToday

नीमच टूडे न्यूज़ | भाजपा की डबल इंजन सरकार के राज में प्रदेश की जीवनदायिनी नदियों का क्या हाल है यह मुख्यमंत्री यादव के गृह नगर उज्जैन में स्थित शिप्रा नदी के घाटों पर व्याप्त गंदगी को देखकर लगाया जा सकता है ,जहाँ संतो को आकर सफाई के लिए मोर्चा खोलना पड़  रहा है और यादव मूकदर्शक बन देख रहे है। जब यादव के गृहनगर में  मोक्ष दायिनी पवित्र नदी शिप्रा जी के यह हाल है जंहा सिंहस्थ लगता है तो हम अंदाजा लगा सकते  की प्रदेश की अन्य नदियों के हाल  कितने बदहाल होंगे और उनकी सफाई पर कितना ध्यान भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा  दिया जा रहा होगा।  उक्त तंज कस्ते हुए आप के प्रदेश प्रवक्ता इंजी नवीन कुमार  अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से सवाल किया है की क्या यादव आप शिप्रा मैया के गंदगी से ओतपोत घाटों पर आकर डुबकी लगाएंगे ?

आप के प्रदेश प्रवक्ता इंजी नवीन कुमार अग्रवाल ने जानकारी में बताया की उज्जैन में पवित्र  पावन मोक्ष दायिनी  शिप्रा मैया में वर्तमान में घाटों पर इतनी गंदगी व्याप्त है की श्रद्धालुओं  को उसमे डुबकी लगाना दूभर हो रहा है और घाटों से दूर जाकर डुबकी लगाकर गंदगी से ओतप्रोत पानी में  अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर रहे है जबकि उक्त नगर  मुक्यमंत्री महोदय का गृह नगर है। और इसके लिए तो अब  साधु संतो  को भी मोर्चा खोलना पड़  रहा है वो अपनी पीड़ा मिडिया के सामने बयान  कर रहे है जबकि सम्पूर्ण देश के सनातनियो का पवित्र स्थल उज्जैन है और प्रतिदिन देश के कोने कोने से भक्तगण आकर शिप्रा नदी में डुबकी लगाकर महाकाल की पूजा अर्चना कर अपनी  मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद  लेते है। 

अग्रवाल ने कहा की एक और तो सिंहस्थ के नाम से सिंहस्त के दौरान करोड़ो रूपये  आयोजन के नाम से खर्च किये जाते है दूसरी और आज दिनांक  तक शिप्रा मैया का पानी शुद्ध नहीं हो पाया है और आज भी उज्जैन शहर का सीवरेज का गन्दा  पानी और  उद्योगों का जहरीला रासायनिक  पानी बेरोकटोक शिप्रा मैया के आंचल  में आ रहा है जो सनातनियो  के मन को व्यथित करने वाला है। मुक्यमंत्री को कम से कम अपने गृह नगर में स्थित शिप्रा मैया की स्वछता का तो ख्याल रखना चाहिए। उम्मीद है यादव जी  गंदगी और बदबू से बेहाल घाटों पर आकर डुबकी लगाने का कष्ट करेंगे तभी उन्हें भक्तो की आस्था  पर कितना कुठाराघात हो रहा है रूबरू होंगे। 

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