नीमच टूडे न्यूज़ | जिले के दड़ौली और मांडा पंचायत के किसानों की किस्मत बदल गई है। विधायक ओमप्रकाश सखलेचा के कृषि हितैषी कदमों से यहां दो बड़े बांध बनकर जल संकट को जड़ से खत्म कर दिया है। इन बांधों से इलाके में जल संरक्षण हुआ है, जिससे लगभग 100 बीघा जमीन पर किसान अब तीसरी फसल तक उगा पा रहे हैं।
ग्राम पंचायत दड़ौली के सरपंच प्रवीण नागोरी ने बताया कि करीब 40 वर्षों से क्षेत्र के लोग चोरकुइया बांध के निर्माण की मांग कर रहे थे, लेकिन अब चार वर्षों के अंदर विधायक सखलेचा के नेतृत्व में दो बांध – चोरकुइया और आंबा – बनकर तैयार हो गए हैं। इससे रामनगर, मांडा, जनकपुर और दड़ौली के कई गांवों में जल स्तर में सुधार हुआ है।
पहले किसानों को गहराते जल संकट के कारण बोरवेल खुदवाने पड़ते थे और बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती थी, लेकिन अब बांधों के कारण खेतों में पानी की भरपूर व्यवस्था हो गई है। इससे तिल्ली, उड़द, मूंग, खरबूजा, तरबूज और संतरे जैसी फसलें खूब फल-फूल रही हैं।
किसान अमरसिंह बंजारा ने बताया कि उन्होंने तीन बीघा खेत में खरबूजे की फसल लगाई है, जो जल्द ही बाजार में बिक्री के लिए तैयार होगी। विकास पाटीदार, किसान और कीटनाशक विक्रेता रवि भानेज ने भी बांधों से जल संरक्षण को कृषि समृद्धि का मूल कारण बताया। उनका कहना है कि यदि नाले में बांध का पानी नियमित छोड़ा जाए तो और अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
जनकपुर के किसान लोकेश पाटीदार ने बताया कि चोरकुइया बांध का लाभ अभी कुछ ही क्षेत्र तक सीमित है। उन्होंने विभाग से अपील की है कि वे किसानों की सलाह लेकर बांध का पानी पूरे क्षेत्र में पहुंचाने के उचित कदम उठाएं, जिससे और ज्यादा किसान मालामाल हो सकें।
संतरे की लहलहाती फसल ने इस क्षेत्र को ‘मिनी नागपुर’ का दर्जा दिला दिया है और किसानों की आमदनी बढ़ा दी है। यह सब संभव हुआ है विधायक सखलेचा के निरंतर प्रयासों और जल संवर्धन के प्रभावी प्रबंधन से।