मैं जब तक कांग्रेस में रहा, मेरे खिलाफ साजिशें होती गई। कई बार टिकट कटा गया और जब टिकट मिला तो हराने की कोशिशें जमकर हुई। नंदकिशोर पटेल से कभी एक रुपए लेकर प्रचार नही किया, 25 लाख लेने के आरोप लगते हैं तो नंदकिशोर पटेल सबूत दे। यह कहना है नीमच के किसान नेता उमराव सिहं गुर्जर का। नीमच टूडे के सुबह सबेरे कार्यक्रम में उन्होंने कई खुलासें किए।
नीमच टूडे न्यूज | उमराव सिंह गुर्जर। एक देशी खांटी किसान नेता। गांव में पले-बढ़े, जवान हुए तो कॉलेज में आए और यूथ पैनल के माध्यम से राजनीति शुरू की। कांग्रेस में रहे लेकिन हर बार छले गए। उन्होंने ज्यादा चुनाव निर्दलीय लड़ा और जीता लेकिन जब पार्टी से अधिकृत हुए तो हर बार हारे। सुबह सबेरे कार्यक्रम में उमराव सिंह गुर्जर ने कहा सरपंच से लेकर जनपद और मंडी अध्यक्ष तक का चुनाव मैं निर्दलीय लड़ा। विधानसभा का टिकट बार-बार काट गया। वर्ष 1998 से लेकर 2013 तक कांग्रेस मे रहते हुए मेरे साथ साजिशें रची गई। बार-बार टिकट कटा गया। 1998 में फिर 2003 मे, 2008 और फिर 2013 में भी मुझे विधानसभा का टिकट नहीं दिया गया। 2018 में नीमच से टिकट का प्रबल दावेदार था तो मुझे मनासा भेज दिया गया। पार्टी के लिए मनासा से चुनाव लड़ा और अंतत: 2023 में नीमच से टिकट दिया गया तो मेरे साथ फिर साजिश हुई और हार गया। काग्रेस में प्रतिद्वंदी रहे नंदकिशोर पटेल, रघुराज सिहं चौरड़िया और तरूण बाहेती से दुश्मनी नही है लेकिन मेरे खिलाफ साजिशे करते रहे। यह राजनीति का हिस्सा रहा है।
सनातन धर्म के लिए भाजपा में आया
उमराव सिंह गुर्जर ने कहा मैं सनातन धर्म के लिए भाजपा में आया हूं और अब जीवनभर भाजपा में रहूंगा, कभी कांग्रेस में नहीं लौटूंगा। भाजपा सनातन धर्म का सम्मान करती है, कांग्रेस सनातन धर्म से भटक चुकी है।
पवन पाटीदार की रही अहम भूमिका
उमराव सिंह गुर्जर के भाजपा में प्रवेश को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष पवन पाटीदार की अहम भूमिका रही। जब उमराव सिंह गुर्जर चुनाव हार गए तो और कांग्रेस में जिन साजिशों को शिकार हुए, उससे आहत हुए और अंतत: कांग्रेस छोड़ने का मन बनाया और भाजपा में आ गए।
सत्तू पाटीदार ने की राजनीतिक हत्या
उमराव सिंह गुर्जर ने कहा 2018 के चुनाव में नीमच से मैं प्रबल दावेदार था और मेरा ही टिकट होना था लेकिन नीमच से सत्तु पाटीदार को टिकट दे दिया जबकि हक मेरा था, उस समय मेरी राजनीतिक हत्या हुई, मुझे जबरन मनासा भेजा और मैने पार्टी की खातिर मनासा से चुनाव लड़ा।
तरूण बाहेती पर नहीं कराया हमला
उमराव सिहं गुर्जर ने कहा मैंने कभी तरूण बाहेती पर हमला नहीं कराया। राजनीतिक प्रतिद्वंता के चलते उन्होंने इस तरह के आरोप लगाए जो बाद में गलत साबित हुए।
नीमच टूडे के सवाल- उमराव गुर्जर के जवाब
सवाल- काग्रेस क्यों छोड़ी- 20 साल बाद ऐसा निर्णय क्यों
जवाब- कांग्रेस में मेरे खिलाफ साजिशें होती रही, इसलिए छोड़ी
सवाल- कमलनाथ बुलाए तो कांग्रेस में जाएंगे
जवाब- बिल्कुल नहीं, कमलनाथ अच्छे नेता हैं लेकिन कांग्रेस में नहीं जाउंगा
सवाल- पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन से नाराजगी
जवाब- वे बड़ी नेता हैं, उनसे कोई नाराजगी नहीं।
सवाल- दुश्मन कौन- नंदकिशोर पटेल, रघुराज सिंह या तरूण बाहेती
जवाब- दुश्मन नहीं, राजनीतिक विरोधी है, कांग्रेस में साजिशें तो रची
सवाल- श्रेष्ठ विधायक कार्यकाल किसका- परिहार, शिवाजी या नंदकिशोर पटैल का।
जवाब- खुमान सिंह शिवाजी का, अब दिलीप बापू बढ़िया काम कर रहे हैं।
सवाल- श्रेष्ठ सांसद कौन रहा, डॉ. पांडे, मीनाक्षी नटराजन या सुधीर गुप्ता
जवाब- सुधीर गुप्ता। सबसे सक्रिय और श्रेष्ठ सांसद है, उनका कोई तोड़ नहीं।