नीमच टुडे न्यूज़ | मेवाड़ के श्रद्धा का केंद्र श्री सांवलिया सेठ मंदिर में दान पात्र की गिनती का चौथा चरण पूरा हो चुका है। बुधवार को संपन्न हुए चौथे राउंड में 4 करोड़ 15 लाख 50 हजार रुपए की गिनती हुई। इसके साथ ही अब तक कुल 21 करोड़ 65 लाख 50 हजार रुपए की राशि गिनी जा चुकी है, जो भक्तों की गहरी आस्था और मंदिर की बढ़ती मान्यता को दर्शाता है। 26 अप्रैल को भंडार खुलने के बाद पहले दिन ही दान पात्र से 10 करोड़ रुपए की गिनती की गई। श्रद्धालुओं की बढ़ती आस्था और मंदिर की मान्यता को देखते हुए यह रकम हर बार पिछले आंकड़ों को पीछे छोड़ती जा रही है।
तीन दिन में हुआ करोड़ों का दान संग्रह
रविवार 27 अप्रैल को अमावस्या होने के कारण दान की गिनती बंद रखी गई थी। उसके बाद सोमवार को गिनती फिर से शुरू हुई। इस दिन भंडार से 3 करोड़ 73 लाख 70 हजार रुपए निकले। अगले दिन मंगलवार को गिनती के चौथे राउंड में 3 करोड़ 76 लाख 30 हजार रुपए की गिनती हुई। 30 अप्रैल को संपन्न हुए चौथे राउंड की गिनती में कुल 4 करोड़ 15 लाख 50 हजार रुपए की गिनती की गई। इस तरह चार दिन की काउंटिंग में कुल 21 करोड़ 65 लाख 50 हजार रुपयों की काउंटिंग हो चुकी है।
1 मई को होगा पांचवां राउंड
मंदिर प्रशासन ने बताया कि अगला यानी पांचवां राउंड 1 मई को होगा। यह गिनती राजभोग आरती के बाद शुरू की जाएगी। श्रद्धालुओं में इस बात को लेकर भी उत्साह है कि इस बार दान की कुल राशि नया कीर्तिमान स्थापित कर सकती है।
भक्ति और आस्था का प्रतीक है सांवरिया सेठ मंदिर
सांवरिया सेठ मंदिर को मेवाड़ का कृष्ण धाम कहा जाता है। यह मंदिर सिर्फ राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यहां हर महीने अमावस्या के दिन लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। साथ ही, मंदिर को बड़ी संख्या में नकद, सोना, चांदी, और अन्य बहुमूल्य दान भी प्राप्त होता है।
दान में आते हैं नकद, जेवर और डॉलर तक
हर बार की तरह इस बार भी दान पात्र से केवल नकदी ही नहीं, बल्कि सोने-चांदी के जेवर, विदेशी करेंसी जैसे डॉलर और पाउंड भी प्राप्त होते हैं। मंदिर प्रशासन पूरी पारदर्शिता से इन सभी चीजों की गिनती और रिकॉर्ड रखता है।भंडार गिनती के दौरान मंदिर परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है और गिनती की प्रक्रिया में मंदिर समिति, बैंक कर्मचारी और पुलिस विभाग के अधिकारी सम्मिलित हैं। पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि भंडार में आने वाली दान राशि में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसका कारण लोगों की आस्था, मंदिर की व्यवस्था में पारदर्शिता और सांवरिया सेठ के प्रति श्रद्धा है। अगर इसी तरह दान राशि आती रही तो इस बार का आंकड़ा पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ सकता है।