जिले में खरीफ के लिए पर्याप्‍त मात्रा में उर्वरक उपलब्‍ध है, कलेक्‍टर हिमांशु चंद्रा ने किया जैतपुरा में उर्वरक गोदाम सह नगद विक्रय केंद्र का निरीक्षण | @NeemuchToday

नीमच टुडे न्यूज़ | कलेक्‍टर हिमांशु चंद्रा ने शुक्रवार को नीमच के समीपस्‍थ विपणन संघ के खाद गोदाम एवं किसानों को नगदी में उर्वरक विक्रय केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया और खाद गोदाम सह नगदी उर्वरक विक्रय केंद्र पर आने वाले किसानों की सुविधा के लिए पेयजल, छाया, शेड, बैठने की समुचित व्‍यवस्‍था करने के निर्देश दिए। कलेक्‍टर ने खाद गोदामों को सुविधाजनक बनाने के लिए खाद गोदाम के विक्रय केंद्र के बाहर किसानों की समुचित बैठक व्‍यवस्‍था व छाया के लिए शेड निर्माण, पेयजल की व्‍यवस्‍था व गोदाम की बाउण्‍ड्रीवाल निर्माण के प्रस्‍ताव तैयार कर, भिजवाने के निर्देश भी गोदाम प्रभारी को दिए। कलेक्‍टर चंद्रा ने उर्वरक गोदाम के निरीक्षण दौरान गोदाम की क्षमता, उपलब्‍ध उर्वरक स्‍टाक, नगदी में किसानों को पीओएस मशीन के माध्‍यम से उर्वरक विक्रय की प्रक्रिया आदि के बारे में जानकारी ली।

इस निरीक्षण के दौरान उप संचालक कृषि बी.एस.अर्गल, डी.एम.ओ. मनीष नागोरे व अन्‍य अधिकारी उपस्थित थे। डीएमओ मनीष नागौरे ने अवगत कराया, कि जेतपुरा गोदाम में उर्वरक भण्‍डारण क्षमता 1200 मीट्रिक टन है। वर्तमान में 800 मिट्रीक टन उर्वरक का भण्‍डारण जेतपुरा गोदाम में है। कलेक्‍टर ने गोदाम में भण्‍डारित उर्वरक स्‍टाक का अवलोकन भी किया। निरीक्षण दौरान कलेक्‍टर ने जिले में खरीफ 2025 में उर्वरक की मांग, अब तक वितरण, वर्तमान में उपलब्‍धता आदि की जानकारी ली। उप संचालक कृषि अर्गल ने अवगत कराया, कि जिले में खरीफ 2025 में कुल 55200 मिट्रीक टन उर्वरक की मांग सम्‍भावित है। इनमें यूरिया 22000 मिट्रीक टन, डीएपी 6000 मिट्रीक टन, ,एमओपी 750 मिट्रीक टन, एनपीकेएस 10450 मिट्रीक टन, एवं एसएसपी 16000 मिट्रीक टन, उर्वरक की मांग खरीफ 2025 से में संभावित है। जिले में इस खरीफ सीजन के लिए एक अप्रेल 2025 से अबतक 3930.806 मिट्रीक टन उर्वरक का उठाव हो चुका है। इसमें यूरिया 391 मिट्रीक टन, डीएमपी 59.350 मिट्रीक टन, एमओपी 14.600, एनपीकेएस 53.500 एवं एसएसपी 141.800 मिट्रीक टन उर्वरक का उठाव हो चुका हैं।

 

जिले में 26347.68 मिट्रीक टन उर्वरक उपलब्‍ध

उप संचालक कृषि नीमच अर्गल ने बताया, कि नीमच जिले में वर्तमान में 26 हजार 347 मिट्रीक टन से अधिक उर्वरक की उपलब्‍धता है। इसमें यूरिया 7853, डीएपी 4074, एमओपी 1132, एनपीकेएस 5839, मिट्रीक टन एवं एसएसपी 7448 मिट्रीक टन उर्वरक उपलब्‍ध है। जिले में खरीफ 2025 के लिए पर्याप्‍त मात्रा में विभिन्‍न प्रकार के उर्वरक उपलब्‍ध होकर गोदामों में भण्‍डारित हैं। किसान अपनी आवश्‍यकतानुसार सहकारी समितियों अथवा नगद उर्वरक विक्रय केंद्रों से उर्वरक प्राप्‍त कर सकते हैं। कलेक्‍टर ने कृषि विभाग व अन्‍य संबंधित विभागों, समितियों के प्रबंधकों को निर्देश दिए है, कि वे किसानों को यूरिया के विकल्‍प के रूप में एनपीकेएस का उपयोग करने तथा नैनो, यूरिया, डीएपी, का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें।

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