BIG NEWS :- आंजना के अवैध कब्जे  की जमीन पर बनेगा सीएम राइज स्कूल, विधायक  परिहार ने दिए संकेत, पत्रकारों को अनौचारिक चर्चा में कहा कब्जे में लेंगे सरकारी जमीन....| @NeemuchToday

राजस्थान के पूर्व सहाकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और उनके भांजे ने सालों पहले फर्जी रजिस्ट्री कराकर हड़प ली गई 500 करोड़ की बेशकीमती सरकारी जमीन पर अब सीएम राइज स्कूल बनकर तैयार होगा। नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार ने इस बात के संकेत पत्रकारों को दिए। उन्होंने कहा सरकारी जमीन कब्जे में लेंगे और बच्चों के  सीएम राइज स्कूल के लिए देंगे।

नीमच टुडे न्यूज | राजनीति की आड़ में नीमच के सबसे बड़े भूमाफिया साबित हो चुके उदयलाल आंजना और उनके भांजे विक्रम आंजना ने नीमच में लगातार सरकारी जमीनों पर कब्जा किया है। मांमा- भांजों ने नीमच की कई जमीनों को औने-पौने दामों में अवैध तरीके से खरीदकर फर्जी रजिस्ट्रिंया करा ली। इनकी फाइलें अब खुलने वाली है। पहले स्कीम नंबर- 36 में मिड-वे मोटल की जमीन अवैध तरीके से खरीदी, फिर  इंदिरा नगर डाक बंगले के सामने खेत नंबर- 38 पर कब्जा जमाया और  जगधारी का बंगला को अवैध तरीके से खरीदा । लगातार नीमच नगरपालिका की बेशकीमती जमीनें धोखाधड़ी कर उदयलाल आंजना और उनके भांजे विक्रम आंजना खरीदते रहे हैं। इन जमीनों की फाइलें अब फिर से खुलने वाली है। भोपाल स्तर पर जहां तीनों फाइलों पहुंच गई है  वहीं नीमच में विधायक दिलीप सिंह परिहार ने दिए संकेत दिए है सीएम राइज स्कूल आंजना के कब्जे वाले खेत नंबर- 38 पर बनाया जाएगा। पिछले दिनों भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित पत्रकार  वार्ता के बाद विधायक परिहार ने कहा सीएम राइज स्कूल अब इंदिरा नगर डाक बंगले के सामने खेत नंबर- 38 बनेगा। इसके लिए फाइल चल गई है। विधायक परिहार ने यह बात अनौपचारिक चर्चा में कही वहीं सूत्रों से जानकारी मिली है कि तीनों जमीनों की फाइलों को भोपाल मंगाया गया है। इनमें खेत नंबर- 38 सबसे बेशकीमती जमीन है जो कीमती करीब 500 करोड़ की है और यह करीब तीन लाख से ज्याद वर्गफीट में फैली हुई है।

विक्रम आंजना के खिलाफ ईओडब्ल्यू में केस-
खेत नंबर 38 जमीन को लेकर ईओडब्ल्यू ने वर्ष 2011 में विक्रम आंजना के खिलाफ नगरपालिका की सरकारी जमीन धोखे से खरीदने के आरोप में उदयलाल आंजना के बेटे हरीश आंजना और विक्रम आंजना के खिलाफ भादंसं की धारा 420 व 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया था। 

1957 में लीज पर दी थी- 2008 में बेच दी 
नगरपालिका का खेत नंबर- 38 को नगरपालिका ने 27 मार्च 1957 को 116 वर्गफीट की लीजदर पर आरसी देसाई को लीज पर दी थी, बाद  वर्ष 1973ञ1974 में खेत नंबर -38  बुद्धाराम यादव को लीज पर दिय गया था  बाद  नगरपालिका की बिना जानकारी के बुद्धाराम यादव के परिजनों ने यह जमीन विक्रम आंजना को महज 31 लाख 80 हजार रुपए कर दिया। आज इस जमीन की कीमत करीब 500 करोड़ रुपए हैं।

ये जमीन में भी घपले बाजी में खरीदी-
कलेक्टोरेट चौराहा- उदयलाल आंजना और विक्रम आंजना ने कलेक्टोरेट चौराहा पर पर्यटन विकासन निगम के मिड-वे होटल के लिए आरक्षित जमीन को घपलेबाजी में खरीदा था। तब राज्य शासन ने रोक भी लगाई थी लेकिन बाद में अफसरों को रुपए भर कर जमीन अपने नाम करा ली। 
जगधारी का बंगला- जैन भवन के सामने शहर का बेशकीमती जगधारी का बंगला हाल ही में उदयलाल आंजना  रिश्तेदारों ने खरीद लिया। इसके लिए नियमों को ताक में रख दिया और गलत तरीके से बंगला-बगीचा का व्यवस्थापन कराया गया। यह मामला अभी राज्य शासन के पास अधिन है, जिस पर भी जांच शुरू हो गई है।

 

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