जाजू कन्या महाविद्यालय में भारत की बंजर भूमि को हरा-भरा बनाएं – Greening India's Wasteland विषय पर छात्राओं में पर्यावरणीय जागरूकता जागृत करती प्रेरणादायक संगोष्ठी एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम | @NeemuchToday

नीमच टुडे न्यूज़ | विकसित भारत अभियान के अंतर्गत पर्यावरणीय चेतना और सतत विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से श्री सीताराम जाजू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की NCC (एनसीसी) इकाई द्वारा दिनांक 22 जुलाई 2025 को "भारत की बंजर भूमि को हरा-भरा बनाएं – Greening India's Wasteland" विषय पर एक विशेष व्याख्यान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सेवानिवृत्त सहायक प्राध्यापक (प्राणीशास्त्र) डॉ. साधना सेवक ने अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि भारत में करोड़ों हेक्टेयर भूमि बंजर पड़ी है, जिसे उपयुक्त प्रयासों से हरित और उपजाऊ बनाया जा सकता है। उन्होंने मृदा संरक्षण, जल संचयन, जैव विविधता की रक्षा एवं स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने जैसे महत्वपूर्ण उपायों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

डॉ. साधना सेवक ने छात्राओं को प्रेरित किया कि वे अपने स्तर पर छोटे-छोटे प्रयास जैसे वृक्षारोपण, किचन गार्डन, प्लास्टिक मुक्त परिसर, जल संरक्षण आदि के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा में योगदान दें। उन्होंने यह भी कहा कि "आज की युवा पीढ़ी ही कल की पर्यावरण रक्षक है।" कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. प्रतिभा कॉलोनी द्वारा की गई। उन्होंने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा, "यदि हम आज पर्यावरण के लिए नहीं जागे, तो आने वाली पीढ़ियां इसके गंभीर दुष्परिणाम भुगतेंगी। प्रकृति की रक्षा, राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है, जिसमें प्रत्येक विद्यार्थी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।"कार्यक्रम का संचालन प्रो. हीरसिंह राजपूत द्वारा किया गया तथा एनसीसी प्रभारी डॉ. हिना हरित द्वारा आभार प्रदर्शन कर मुख्य वक्ता, प्राचार्य, आयोजन टीम एवं छात्राओं का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

वृक्षारोपण गतिविधि

व्याख्यान के पश्चात महाविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया । यह गतिविधि केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को साकार करने का एक सशक्त प्रयास रही। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सदस्यगण एवं बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं। छात्राओं की सक्रिय सहभागिता, जिज्ञासु प्रश्न एवं सकारात्मक प्रतिक्रियाओं ने इस कार्यक्रम को अत्यंत सार्थक बना दिया। कार्यक्रम के अंत में यह निर्णय लिया गया कि भविष्य में भी इस प्रकार के व्याख्यानों एवं वृक्षारोपण अभियानों को नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा, ताकि छात्राएं केवल शैक्षणिक ही नहीं, सामाजिक व पर्यावरणीय स्तर पर भी जागरूक बन सकें।

Top