नीमच टुडे न्यूज़ | धनखड़जी का स्तीफ़ा भारतीय राजनीति में चोकाने वाला फ़ैसला है ! भारतीय राजनीति में उच्च पदो पर बैठे व्यक्ति द्वारा स्वास्थ को आधार बना कर स्तिफ़ा देना वाक़ई में एक बड़ी बात है जो आम लोगो से लेकर राजनीतिक हलकों में गले नहीं उतर रही हैं | विगत एक दशक में राजनीति में और प्रशासनिक पदो पर नियुक्तियों में जिस तरह से चौकाने वाले निर्णय आये इसको भी उसी कड़ी में रखा जा सकता है | धनखड़जी के अच्छे स्वास्थ की ईश्वर से कामना करते है |
राजनीति पर सटीक बैठता मुहावरा कभी गाड़ी नाव पर, कभी नाव गाड़ी पर" जो एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है,जिसका अर्थ है कि जीवन में परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं। कभी कोई व्यक्ति ऊँचे पद पर होता है तो कभी नीच, कभी कोई सुखी होता है तो कभी दुखी। इसका तात्पर्य है कि समय किसी के लिए एक जैसा नहीं रहता, उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। दूसरे शब्दों में, यह मुहावरा इस बात पर जोर देता है कि राजनीति में हर किसी को अच्छे और बुरे दोनों समय का सामना करना पड़ता है। "कभी गाड़ी नाव पर, कभी नाव गाड़ी पर" का अर्थ है कि राजनीति परिवर्तनशील है और हमें हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।