नीमच टुडे न्यूज़। मालवा अंचल के नीमच क्षेत्र में इस वर्ष व्यापक स्तर पर गेहूं का रकबा रहा है किसानों द्वारा फसल कटाई के उपरान्त बची नरवाई जलाने के अनेकों मामले देखें जा सकतें हैं जो प्रत्येक दृष्टि से किसान व पर्यावरण के लिए बेहत हानिकारक है।बढता हुआ वायु प्रदुषण एवं ग्रीष्म ऋतु में बढ़ती आगजनी की घटनाएं इसका मुख्य कारण है। कृषि सलाहकारों की मानें तो नरवाई जलाने से खेतों की सतह की मिट्टी जलकर नष्ट हो जाती है जिससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता तो नष्ट होती ही है साथ ही मृत अवस्था में परिवर्तित हो जाती है |
.उक्त बात भाजपा नेता एवं कुशाभाऊ ठाकरे मंडल सोशल मीडिया प्रभारी दिनेश राठौर ने कहीं राठौर ने बताया कि कृषि सलाहकारों की मानें तो किसान रोटावेटर व पलटी प्लो की सहायता से नरवाई को मिट्टी में मिला सकता है जिससे मिट्टी में यह खाद का काम करता है। नरवाई जलाने से अनेकों छोटे-छोटे जीव जलकर नष्ट हो जाते हैं जिससे उनका जीवन चक्र समाप्त हो जाता है राठौर ने शासन प्रशासन से मांग की है कि नरवाई जलाने पर रोक लगे और जो इस आदेश का पालन नहीं करे उस पर दंडात्मक कार्यवाही भी हो |