नीमच टुडे न्यूज | अब तक सीधे और शरीफ बन रहे केरी के दशरथ सिंह और वीपी सिंह कुख्यात तस्कर हैं यह साबित हो चुका है। अपने आका कमल राणा के साथ दगाबाजी कर करोड़ों रुपए ऐंठ कर काले कारोबार का सामराज्य खड़ा करने वाले दशरथ सिंह और वीपी सिंह खुद घर पर हुई फायरिंग कांड को लेकर बुरी तरह उलझ गए हैं। फायरिंग कांड को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं उसका जवाब दोनों भाई नहीं दे रहे हैं, जिसको लेकर फायरिंग कांड संदेह के घेरे में आ गया हैं। पुलिस को भी संदेह है कि अपने दुश्मनो को निपटाने के चक्कर में दशरथ सिहं और वीपी सिंह ने फायरिंग कांड का षडयंत्र रचा होगा, जिसको लेकर भी जांच की जा रही है। फायरिंग कांड को लेकर पुलिस जो सवाल उठा रही है , जवाब से दोनो पल्ला झाड़ रहे है।
खड़े हुए बड़े सवाल, जिनका चाहिए जवाब
जोधपुर के तस्कर से हड़पे आधा करोड़
कमल राणा के साथ रहकर दशरथ सिंह तस्करी में माहिर बन गया था। कमल राणा के सारे संपर्क को साधकर वह डोडाचूरा और अफीम की सप्लाई करने लगा था। इसी बीच सूत्रों से जानकारी मिली है कि जोधपुर के किसी तस्कर को आधा करोड़ रुपए हड़प लिया और माल की डिलेवरी नहीं दी।
जल्द खुलेगा फायरिंग कांड का रहस्य-एसपी
नीमच एसपी अंकित जायसवाल ने कहा फायरिंग कांड को लेकर नीमच और जीरन की टीम काम रही है। हर एंगल से जांच कर रहे हैं। दशरथ सिंह और वीपी सिंह दोनों तस्कर है और सुनील पर भी तस्करी के मामले दर्ज है। फायरिंग सुनील मीणा ने कराई या किसी अन्य ने। इस पर जांच कर रहे हैं, दशरथ सिंह और वीपी सिंह की क्या भूमिका इस पर भी जांच चल रही है। जल्द खुलासा होगा।