नीमच टुडे न्यूज़ | शुक्रवार को तेज धूप और उमस भरी गर्मी के बाद दोपहर में मौसम ने अचानक करवट ली। आसमान में काली घटाएं छा गईं और जोरदार बिजली-गर्जना के साथ लगभग एक घंटे तक भारी बारिश हुई। इसके बाद भी शाम तक रिमझिम बारिश का सिलसिला जारी रहा।यह बारिश खरीफ सीजन की सबसे महत्वपूर्ण फसल सोयाबीन के लिए भारी संकट बन गई है। इस समय किसानों द्वारा सोयाबीन की कटाई का कार्य चल रहा था, लेकिन तेज बारिश के कारण फसलें भीग गईं। पहले से खेतों में भरा हुआ पानी सूखा भी नहीं था, जिससे खेतों में फिर से जलभराव हो गया।किसानों का कहना है कि इस वर्ष सोयाबीन की पैदावार डेढ़ से दो बोरी प्रति बीघा के बीच हो रही है, जो लाभ की बजाय घाटे का सौदा बनती जा रही है। खेतों में कटकर पड़ी फसलें भीगने से शत-प्रतिशत नुकसान का अंदेशा है। इसके साथ ही आगामी रबी सीजन की फसल तैयार करने में भी किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।यह बारिश किसानों के लिए आफत साबित हुई है, जिससे उनका आर्थिक संकट और बढ़ गया है। किसानों ने प्रशासन से राहत एवं सहायता की मांग की है ताकि वे इस विपरीत परिस्थिति से उबर सकें।