नीमच टुडे न्यूज़ | भोपाल मध्यप्रदेश के दिव्यांग छात्रों ने पहली बार आईटीआई की नेशनल परीक्षाओं में इतिहास रच दिया है। मूक-बधिर, नेत्रहीन और अन्य दिव्यांग छात्रों ने विभिन्न ट्रेड्स में टॉप कर न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश का गौरव बढ़ाया है। तकनीकी शिक्षा मंत्री गौतम टेटवाल ने इन टॉपर्स को अपने आवास पर सम्मानित किया और बैतूल की त्रिशा तावड़े की आरती उतारकर कहा – "यह हमारे मप्र की दुर्गा है।"इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में नेशनल टॉप करने वाली त्रिशा के पिता बस ड्राइवर हैं। उन्होंने कठिन हालात में पढ़ाई कर बेटियों को प्रेरित किया। वहीं कंप्यूटर ट्रेड में मूक-बधिर चंचल सेवारिक ने टॉप कर मिसाल पेश की। आर्थिक तंगी और पारिवारिक चुनौतियों के बावजूद चंचल की मां ने उसे पढ़ाया और हर स्तर पर साथ दिया।ग्वालियर के नेत्रहीन छात्र संभव शर्मा ने स्टेट टॉप किया। उन्होंने बताया कि पिता उन्हें सुनाकर पढ़ाते थे और वे सरकारी नौकरी का सपना देख रहे हैं।इन सफलताओं के पीछे शिक्षकों की मेहनत और विशेष शिक्षण पद्धति भी रही। साइन लैंग्वेज सीखकर पढ़ाने वाले शिक्षकों ने छात्रों की क्षमता को निखारा। मंत्री टेटवाल ने इसे "मप्र की ऐतिहासिक उपलब्धि" बताया।