नीमच टुडे न्यूज़ | शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर, जैन कॉलोनी, नीमच में वैशाख सुदी पूर्णिमा के पावन अवसर पर 12वां ध्वजारोहण महोत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति में धर्मसभा का आयोजन हुआ, जिसमें साध्वी स्मित दर्शिता श्री जी महाराज साहब ने अपने उद्गार प्रकट किए। साध्वी श्री जी ने कहा कि "जो व्यक्ति मंदिर में ध्वजा चढ़ाने का धर्म लाभ प्राप्त करता है, उसकी वंश परंपरा कभी समाप्त नहीं होती। मंदिर की ध्वजा के दर्शन मात्र से पुण्य के भंडार भर जाते हैं और जीवन के कष्ट समाप्त हो जाते हैं। मंदिर की ध्वजा नास्तिक को भी आस्तिक बना देती है।"उन्होंने यह भी बताया कि जिस ध्वजा में मध्य में सफेद रंग होता है, वहां अरिहंत प्रभु की प्रतिमा होती है, और जिसमें लाल रंग होता है, वहां सिद्ध प्रभु विराजमान होते हैं। ध्वजारोहण का यह पावन कार्य संघवी राजमल सुशील कुमार राजेंद्र प्रसाद तन्मय जयवर्धन इवान डूंगरवाल परिवार द्वारा संपन्न किया गया। सुबह 6:30 बजे मंदिर जी पर स्नात्र पूजन एवं 7 बजे सत्तर भेदी पूजन का आयोजन हुआ। पूजा विधिकारक पंकज जैन झारडा द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करवाई गई। भक्ति भाव से ओतप्रोत वातावरण में “ध्वजा आई है मेरे पारसनाथ की...”, “ध्वजा उड़े रे उड़े रे...” जैसे भजनों की प्रस्तुतियाँ दी गईं। सुबह 8:15 बजे दशहरा मैदान स्थित डूंगरवाल परिवार के निवास से ध्वजा का भव्य जुलूस मंदिर तक पहुंचा और 9 बजे ध्वजारोहण विधिपूर्वक संपन्न हुआ। महोत्सव में प्रमुख रूप से पार्श्वनाथ राजेंद्र सूरी राजमल पानबाई डूंगरवाल चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष संघवी राजेंद्र डूंगरवाल, सचिव अरुण चौरडिया, कोषाध्यक्ष प्रकाश चोरडिया, वरिष्ठ भाजपा नेता संतोष चोपड़ा, श्री जैन श्वेतांबर भीडभंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल नागोरी, सचिव मनीष कोठारी सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। इसके पश्चात नवकारसी हुई और प्रातः 10:30 बजे महिला भक्त मंडल द्वारा पार्श्वनाथ पंच कल्याणक पूजन का आयोजन किया गया। शाम 7:30 बजे अंगरचना तथा 108 दीपकों से परमात्मा की आरती एवं प्रभु भक्ति की गई। इस आयोजन ने एक बार फिर यह प्रमाणित कर दिया कि श्रद्धा और धर्म से जुड़ा प्रत्येक कार्य जनमानस को सकारात्मक ऊर्जा और आनंद से भर देता है।