BIG NEWS:- फिर जागे नेताजी- विधायक पर साधा निशाना, जाते-जाते सीएमओ… के आंसु पोछने गए पार्षद पति | न सुपर रहे न चेयरमेन- अब कहां है महोदय | @NeemuchToday

नीमच टुडे न्यूज़ | … फिर जागे नेता जी- विधायक पर साधा निशाना

टिकट कांग्रेस से चाहिए, और आंदोलन निजी स्तर पर करना है। हमेशा पार्टी लाइन विपरित जाने वाले जीरन के नेता इस बार लंबी नींद के बाद जागे और विधायक पर कटाक्ष करने लगे। उनके निशाने पर या तो सांसद रहते हैं या विधायक लेकिन जब आंदोलन की बात आती है तो फिर निजी स्तर पर आ जाते हैं और पार्टी को साइड लाइन कर देते हैं। फिर चाहे मीटर आंदोलन हो या फिर जिला अस्पताल के लिए समिति बनना, हमेशा पार्टी को साइड लाइन कर आंदोलन किया। 
जाते-जाते सीएमओ… के आंसु पोछने गए पार्षद पति

राजनीति की उछाड़-पछाड़ में बुरे फंसे सीएमओ की हालत यह हो गई कि वे न घर के रहे या न घाट के। अपने आप को सुरामा समझने वाले सीएमओ कभी कलेक्टर का फोन नहीं उठाते थे।  पार्षद पतियों की टिकड़ी के साथ खूब पार्टिया की, बोतलें की बोतले खोली लेकिन जब उनकी विदाई हुई तो फूट-फूट कर रोए। जो पार्षद पति वापस लाने का दंभ भर रहे थे, वे ही आंसु पोछने गए। 

न सुपर रहे न चेयरमेन- अब कहां है महोदय

एक समय सुपर चेयरमेन के नाम से प्रसिद्ध हुए पार्षद महोदय इन दिनों गायब है। वे कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। बताया जाता है कि उन्होंने मोटा काम कर लिया और अब विवादों से दूरी बना ली है। एक फांस पुर्नवास वाली जमीन को लेकर फंसी, जिसमें पूर्व सीएम के भाई ने रूला दिया है, अब वे इस जंजाल से निकलना चाहते हैं, और अपनी छवि सुधारना चाहते हैं।

युवक कांग्रेस का चुनाव- युवा कहां..?

इन दिनों युवक कांग्रेस के चुनाव चल रहे हैं लेकिन युवा कहां है, यह नजर नहीं आ रहा है। युवा न तो गांधी भवन में दिख रहे हैं और न ही मैदान में। एक महीने  मोबाइल पर वोटिंग चल रही है लेकिन पता किसी को नहीं चल रहा है। एक समय कांग्रेस में युवा जान होती थी, अब युवा कांग्रेस के चुनाव ऐसे हो रहे हैं, जिसकी किसी को खबर तक नही मिल पा रही है, न प्रचार दिख रहा है न प्रसार और न ही वोटिंग की जानकारी।

….और असहाय नेता प्रतिपक्ष

नीमच नगरपालिका से सीएमओ क्या गए नेता प्रतिपक्ष असहाय हो गए। न तो उनके साथ कांग्रेस पार्षद और न ही अब सीएमओ, इसलिए उनकी आक्रमकता ठंडी पड़ गई। बोले तो क्या और करे तो क्या। नेता प्रतिपक्ष के पक्ष  में अब सिर्फ वे खुद बचे हैं, बाकी सभी पार्षदों ने अपने-अपने घोड़े छांव में बांध लिए है। 

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