नीमच टुडे न्यूज़ । जावद विधानसभा क्षेत्र में विधायक ओमप्रकाश सकलेचा की दूरदर्शी सोच से शुरू हुई सामुदायिक डोम योजना अब ग्रामीण अंचल में आर्थिक बचत और सामाजिक एकता का नया प्रतीक बन गई है।
40 डोम तैयार, 80 निर्माणाधीन
जानकारी के अनुसार क्षेत्र में अब तक 15 बड़े डोम, जिनकी लागत एक करोड़ रुपये या उससे अधिक है, बनकर पूरी तरह से उपयोग में आ चुके हैं। इसके अलावा 10 से 30 लाख लागत के 25 डोम भी तैयार हो चुके हैं। वहीं, 80 डोमों को स्वीकृति मिल चुकी है, जो अगस्त 2026 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। इस प्रकार, अगले एक वर्ष में क्षेत्र में कुल 120 डोम उपलब्ध हो जाएंगे।
सुविधाएं और उपयोगिता
बड़े डोमों में चार अतिरिक्त सर्वसुविधायुक्त कमरे, शौचालय, बाथरूम, आकर्षक लाइट फिटिंग और आधुनिक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई गई हैं। यह हॉल शादी, प्रीतिभोज, धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों के लिए आदर्श स्थल साबित हो रहे हैं।
लाखों रुपये की बचत
पहले ग्रामीण इलाकों में शादियां और आयोजन खेतों व बाड़ों में या फिर टेंट लगाकर होते थे, जिस पर लगभग एक लाख रुपये तक खर्च हो जाता था। सामुदायिक डोम की उपलब्धता से अब लोगों को लाखों रुपये की बचत हो रही है। बचत का यह धन ग्रामीण परिवार अब शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों पर खर्च कर पा रहे हैं।
सामाजिक एकता को मिला संबल
धार्मिक स्थलों के पास बने ये डोम मौसम की मार से सुरक्षा प्रदान करते हैं। अब लोग गरिमापूर्ण वातावरण में सामूहिक आयोजन कर पा रहे हैं, जिससे समाज में आपसी मेलजोल और भाईचारे की भावना मजबूत हुई है।
विधायक सकलेचा की पहल
विधायक ओमप्रकाश सकलेचा ने बताया कि उनका लक्ष्य प्रत्येक पंचायत और 800 से अधिक आबादी वाले गांवों में डोम का निर्माण कराना है। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल आर्थिक बचत का साधन है, बल्कि समाज को एक सूत्र में जोड़ने का भी माध्यम है।
मिसाल बन रहा जावद
सामुदायिक डोमों के निर्माण से जावद क्षेत्र आज पूरे प्रदेश में सामुदायिक विकास की मिसाल पेश कर रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि इस पहल से उन्हें पहली बार महसूस हुआ है कि बड़े आयोजन भी कम खर्च में गरिमा और सम्मान के साथ किए जा सकते हैं।
कितने डोम तैयार
सुविधाएं
पहले की स्थिति
अब का लाभ
लाखों रुपये की बचत
गरिमापूर्ण और सुविधाजनक आयोजन
बचत का धन शिक्षा-स्वास्थ्य में उपयोग
सामाजिक मेलजोल और भाईचारे को बढ़ावा।
विधायक का लक्ष्य
विधायक ओमप्रकाश सकलेचा का कहना है –
"हमारा उद्देश्य है कि प्रत्येक पंचायत और 800 से अधिक आबादी वाले हर गांव में सामुदायिक डोम बने, ताकि हर परिवार को सम्मानजनक और किफायती आयोजन की सुविधा मिल सके।"