नीमच टुडे न्यूज़ | जिले की तहसील सकरानी रैय्यत के ग्राम में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत स्वीकृत दलित मजदूर रतनलाल (उम्र 35, मोगिया) का नया मकान गांव के दबंगों और स्थानीय अधिकारियों के कथित मिली -भगत से रुकवा दिया गया। रतनलाल ने बताया कि पहली किश्त मिलने पर उन्होंने पुराना कच्चा घर तोड़कर निर्माण शुरू किया था, लेकिन बबलू नागदा के आरोप पर पंचायत सचिव व राजस्व अधिकारी कार्रवाई करवा कर निर्माण रोक दिया — जबकि उसी सर्वे नंबर पर पहले एक अन्य परिवार का पीएम आवास बन चुका है।
दैनिक जीवन ठप होने से परिवार पिछले सात महीनों से खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है; उन्हें लगातार धमकियाँ और सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ रहा है। शिकायतों के बावजूद मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर दर्ज कराई गई रिपोर्ट्स को पीड़ित के अनुसार “फोर्स-क्लोज” कर दिया गया, जिससे प्रशासन और दबंगों के मिलान पर सवाल उठे हैं।
रतनलाल ने प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग व मानवाधिकार आयोग को ज्ञापन भेजते हुए निष्पक्ष जांच, सुरक्षा और पुनर्वास की मांग की है तथा मामला न सुलझने पर भोपाल में आत्मदाह की चेतावनी दी है। स्थानीय दलित अधिकार संगठनों ने उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की जाँच की माँग की है; प्रशासन की मौनता पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की जा रही है।