नीमच टुडे न्यूज़ | ग्राम पंचायत चीताखेड़ा में विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं। आरोप है कि खुद सरपंच प्रतिनिधि ही गांव के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है। पंचायत में प्रस्ताव पारित व राशि स्वीकृत होने के बावजूद भी कार्य नहीं हो रहे। सरपंच प्रतिनिधि की तानाशाही के चलते तीन साल में तीसरा सचिव भी पंचायत से तालमेल नहीं बैठा पाया है।गांव में चारों ओर गंदगी, मच्छरों का प्रकोप और अधूरे कार्यों की भरमार है। वार्ड क्रमांक दो में कीचड़ की स्थिति विकट है, वहीं शिव मंदिर पर वर्षों पूर्व भूमि पूजन के बावजूद छत निर्माण शुरू नहीं हुआ। सचिव का कहना है कि वह कार्य करने को तैयार हैं, लेकिन सरपंच किसी भी चर्चा को तैयार नहीं।20 में से 18 पंचों ने उप-सरपंच विकास प्रजापत के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय में शिकायत कर सरपंच प्रतिनिधि पर भ्रष्टाचार, लापरवाही और विकास रोकने के आरोप लगाए हैं। पंचों ने मांग की है कि यदि सरपंच जनहित में कार्य नहीं करना चाहते तो उन्हें हटाकर किसी और को जिम्मेदारी सौंपी जाए, ताकि शेष कार्यकाल में गांव का विकास हो सके।
