नीमच टुडे न्यूज़ | 22 अक्टूबर को अश्विन शुक्ल प्रतिपदा के पावन अवसर पर महाराज अग्रसेन जयंती पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह से मनाई जाती है। समाजवाद, समानता और आत्मनिर्भरता के प्रेरणास्रोत महाराज अग्रसेन ने एक समर्पित, न्यायप्रिय और समरस समाज की नींव रखी थी। उनका "एक ईंट, एक रुपया" सिद्धांत आज भी सामाजिक सहयोग और समृद्धि का प्रतीक है।आज आवश्यकता है कि हम युवाओं को उनके आदर्शों से जोड़ें। संस्कार, शिक्षा और रोजगार के माध्यम से उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाना होगा। आधुनिक तकनीक व सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं से संवाद बढ़ाकर समाज की गतिविधियों से जोड़ना जरूरी है।समाज के संगठनों को संयुक्त प्रयासों से दहेज, अंधविश्वास जैसी कुरीतियों को हटाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने चाहिए। वहीं, उच्च शिक्षा और सम्मान से युवाओं को प्रोत्साहित कर सामाजिक नेतृत्व के लिए तैयार करना चाहिए।महाराज अग्रसेन की जयंती पर हम सभी को उनके सिद्धांतों का अनुसरण कर एक संगठित, सशक्त और समरस समाज के निर्माण का संकल्प लेना चाहिए।