नीमच टुडे न्यूज़ | क्षेत्र के वरिष्ठ इंका नेता और नीमच के पूर्व विधायक नंदकिशोर पटेल ने मानसून सत्र के दौरान नीमच जिले में अति वर्षा और पीली मोजेक से सोयाबीन फसल की पूर्ण तबाही से आहत किसानों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत राहत राशि को अल्पतम और छलावा निरूपित करते हुए मांग की है कि जिले के बीमित किसानों को अब नुकसानी की मात्रा के हिसाब से प्रति हेक्टेयर 54 हजार रु बीमा क्लेम राशि अविलंब दिलाया जाए।
यहां जारी बयान में श्री पटेल ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से जिले के करीब 1 लाख 60 हजार किसानों की सोयाबीन फसल लगभग पूरी तरह नष्ट हो जाने से प्रति हेक्टेयर उपज हेतु किसानों द्वारा खर्च किये गए हजारों रु का खुला नुकसान हुआ हैं। लेकिन सरकार ने नीमच जिले में मात्र 33 से 50 प्रतिशत नुकसान ही मानते हुए 1 लाख 41 हजार किसानों के लिए प्रति हेक्टेयर करीब 7300 रु के मान से मात्र 119.6 करोड़ रु की राहत राशि ही स्वीकृत की हैं जो यथार्थ बड़े नुकसान की तुलना में साफ तौर पर छलावा हैं।
पटेल ने कहा कि,अगर सरकार नीमच जिले में सोयाबीन फसल में वास्तविक रूप से हुए 70 प्रतिशत से अधिक नुकसान के हिसाब से राहत राशि तय करती तो जिले के किसानों को प्रति हेक्टेयर के लिए करीब 17 हजार रू के हिसाब से 275 करोड़ रु अधिक सहायता राशि दी जानी चाहिए थी।प्रसंगवश उल्लेख है कि कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने नीमच जिले में वर्तमान के मुकाबले कम क्षति के बावजूद 220 करोड़ रु से अधिक की राशि स्वीकृत की थी।
--इसमें अकेले नीमच विधानसभा क्षेत्र के 48 हजार 980 किसानों के लिए 82 करोड़ 75 लाख 53 हजार 486 रू स्वीकृत हुए थे। इस तरह तुलनात्मक रूप से आँकलन करें तो वर्तमान भाजपा सरकार सोयाबीन फसल में वास्तविक रूप से हुए व्यापक नुकसान को अनदेखा कर केवल दिखावे के लिए मनमाने ढंग से अल्पतम राहत राशि देकर किसानों के साथ छलावा ही कर रही हैं जो कथनी और करनी में भेद को उजागर करता हैं।
** छलावे के शिकार जिले के पीड़ित किसानों को अब अविलंब मिले पूर्ण बीमा क्लेम--
पटेल ने कहा कि, सरकारी स्तर पर राहत राशि के नाम पर चले गये छले गए जिले प्राकृतिक आपदा से पीड़ित किसानों के साथ यह न्यायसंगत होगा कि सरकार उनकी क्षतिग्रस्त फसल के लिए अविलंब निर्धारित पूर्ण बीमा क्लेम राशि दिलाने के लिए सकारात्मक हस्तक्षेप करें। विदित है कि खरीब फसल 2025 के तहत नीमच जिले के 69 हजार 476 किसानों ने 10 करोड़ 71 लाख 70 हजार 765 रुपए प्रीमियम जमा करवा कर 99 हजार 848 हेक्टेयर रकबे का फसल बीमा करवाया हैं।
श्री पटेल ने कहा कि,राष्ट्रीय फसल बीमा योजना अंतर्गत नीमच - मंदसौर जिलों के लिए सरकार द्वारा अधिकृत प्रायवेट बीमा कम्पनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया के तहत हुए बीमा अनुसार नीमच जिले में सोयाबीन फसल हेतु 54 हजार रु प्रति हेक्टेयर बीमा राशि निर्धारित की गई हैं। इसका स्पष्ट अर्थ यह है कि, फसल नष्ट होने पर सम्बद्ध किसान को इस हिसाब से बीमा क्लेम राशि प्रदान की जाएगी।
श्री पटेल ने कहा कि, पूर्वानुभव कहते हैं कि, प्रायवेट बीमा कंपनियों की कार्य प्रणाली किसानों की भलाई के बजाय खुद के स्वार्थ साधने की रहती हैं। पिछले वर्षों में देखा गया है कि, बीमा कंपनियों ने वास्तविक नुकसान को अनदेखा कर नियमों की झोल दिखाते हुए पीड़ित किसानों को कुल जमा प्रीमियम से भी कम बीमा राशि प्रदान की हैं। वर्ष 2025 खरीफ फसल सत्र में सोयाबीन फसल में हुई भारी नुकसान के बाबजूद किसानों के साथ फिर बीमा कम्पनी अन्याय न करें यह देखना सरकार की जिम्मेदारी हैं।
पटेल ने मांग की है कि, मध्यप्रदेश सरकार प्राकृतिक आपदा से तबाह हुए जिले के बीमित किसानों के हितों को ध्यान में रख कर आगे आये और नुकसानी की भारी मात्रा को देखते हुए बीमा कम्पनी से प्रत्येक पात्र बीमाधारी किसान को 54 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अविलंब निर्धारित बीमा क्लेम राशि दिलाना सुनिश्चित करें। इस बारे में किसी प्रकार की ढिलाई राहत राशि वितरण को लेकर किसानों के साथ किये गए सरकारी छल का ही विस्तार होगा जिसके विरुद्ध कांग्रेस आंदोलन करेंगी।