धनतेरस पर पीली मिट्टी लाने की परंपरा, डॉक्टरों ने की भगवान धनवंतरी की पूजा |@NeemuchToday

नीमच टुडे न्यूज़ । धनतेरस से शुरू हुए पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत पूरे उल्लास के साथ हुई। इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत रूप से महिलाएं और बच्चियां अल सुबह पीली मिट्टी की खदानों में पूजा कर मिट्टी लाती हैं। इस मिट्टी से घर आंगन की लिपाई-पुताई की जाती है, और सायंकाल दीप जलाकर देवी लक्ष्मी का आह्वान किया जाता है। लोगों का विश्वास है कि यह पीली मिट्टी समृद्धि और शुभता का प्रतीक है।

चीताखेड़ा निवासी आस्था मांगरिया, आस्था जैन और आंचल जैन ने बताया कि यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और वे हर साल मिट्टी लेने आती हैं।

वहीं, शहर व गांव के चिकित्सकों, क्लिनिक और मेडिकल स्टोर संचालकों ने औषधियों के देवता भगवान धनवंतरी की विधिवत पूजा की। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान धनवंतरी का पूजन कर आरोग्य और समृद्धि की कामना की गई। बाजारों में भी रौनक दिखी, सजी दुकानों और रोशनी से माहौल दीपोत्सवमय हो गया। धनतेरस को देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और धनवंतरी जयंती के रूप में भी मनाया गया।
 

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