नीमच टुडे न्यूज़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से अग्रणी बन रहा है। प्रधानमंत्री के अनुसार पिछले दशक में देश के ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है, जिसमें मध्यप्रदेश का योगदान महत्वपूर्ण है। राज्य की 31 हजार मेगावॉट क्षमता में 30 प्रतिशत से अधिक हरित ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। प्रदेश का नीमच जिला 500 मेगावॉट उत्पादन क्षमता के साथ सौर ऊर्जा का बड़ा हब बन चुका है, जिसमें सिंगोली, बडावदा और कवई यूनिट्स का बड़ा योगदान है। टी.सी. सूर्या कंपनी द्वारा संचालित ये परियोजनाएँ प्रतिवर्ष 68 मिलियन यूनिट हरित बिजली का उत्पादन कर भारतीय रेल और राज्य की विद्युत कंपनियों को आपूर्ति कर रही हैं। जावद जनपद के भगवानपुरा गांव में 151 मेगावॉट की सौर इकाई प्रतिवर्ष 2.16 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी कर रही है और 6.24 लाख घरों को ऊर्जा उपलब्ध कराती है। मध्यप्रदेश ने 12 वर्षों में 19 गुना सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाया है। रीवा सोलर पार्क, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट और मुरैना की सोलर-प्लस बैटरी परियोजना राज्य की हरित ऊर्जा उपलब्धियों को नई दिशा दे रही हैं। राज्य सरकार वर्ष 2030 तक 20 गीगावॉट उत्पादन क्षमता का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही है।

