4 साल पूर्व मात्र छः कांवड़िए से कांवड़ यात्रा शुरू की थी, भक्त जुड़ते गए कारवां बनता गया, आज सैकड़ों भक्तों का कारवां बन गया | चीताखेड़ा से रामझर महादेव तक 28 जुलाई को महाकाल की शाही सवारी के साथ निकलेगी कांवड़ यात्रा | पढ़े भगत मांगरिया की रिपोर्ट | @NeemuchToday

नीमच टुडे न्यूज़। श्रावण मास के अवसर पर जीरन मार्ग पर दलपतपुरा झील में स्थित मनोहारी पहाड़ियों की गोद में विराजमान 11 वीं शताब्दी का रामझर महादेव मंदिर पर मंदिर समिति द्वारा हर साल की भांति इस बार भी सावन माह के तीसरे सोमवार को मेला एवं  विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर आस-पास तथा दूरदराज इलाकों से बड़ी संख्या में शिवभक्त कांवड़ यात्राएं लेकर आते हैं। इस अवसर पर चीताखेड़ा महाकाल भक्त मंडल भी सफलता का एक मुख्य हिस्सा बना हुआ है। आज से 4 साल पूर्व महाकाल भक्त मंडल सिर्फ 6 कांवड़िए और पांच भक्तों के साथ प्रारंभ हुई थी धीरे-धीरे कारवां बनता गया और आज 5 सालों में सैकड़ों कांवड़िए हिस्सा बन चुके हैं यही महाकाल भक्त मंडल के सदस्यों की कड़ी मेहनत का ही परिणाम है।

महाकाल भक्त मंडल 28 जुलाई सोमवार को ब्रह्मांड के राष्ट्रपति और उज्जैन के महाकाल की शाही सवारी की तर्ज पर यहां भी महाकाल की शाही सवारी के साथ कांवड़ यात्रा में अधिक कांवड़िए और शिव भक्तों की संख्या बढ़ाने के लिए महाकाल भक्त मंडल के सदस्य घर-घर जाकर पेंपलेट वितरण कर शामिल होने आमंत्रण दे रहे हैं। महाकाल भक्त मंडल कांवड़ियों के लिए खुद कांवड़ तैयार कर रहे हैं। चीताखेड़ा के बजरंग मंदिर से 28 जुलाई 2025 सोमवार को प्रातः 7 बजे डीजे साउण्ड बैण्ड बाजों व ढोल ढमाकों के साथ महाकाल की शाही सवारी और कांवड़ यात्रा बड़े ही ठाठ-बाट के साथ प्रारंभ होगी। इस धार्मिक महोत्सव को एतिहासिक बनाने के लिए सुबह-शाम महाकाल भक्त मंडल के सदस्य घर-घर दस्तक दे रहे हैं चलों रामझर महादेव चलो रामझर महादेव। कांवड़ यात्रा में चलने वाले शिव भक्तों व कांवड़ियों की कांवड़ महाकाल भक्त मंडल द्वारा निःशुल्क कांवड़ उपलब्ध करवाई जा रही है। मेले में जो भी दुकानदार अपनी दुकान लगाने के इच्छुक हैं उन दुकानदारों को मेला समिति द्वारा 27 जुलाई रविवार को प्रातः 8 बजे निःशुल्क प्लाट वितरण किया जाएगा।

Top