पवित्र भाव से मिलता है पुण्य, पुण्य से आती है समृद्धि, साध्वी सौम्य दर्शना |@NeemuchToday

नीमच टुडे न्यूज़ | श्री जैन श्वेतांबर महावीर जिनालय ट्रस्ट एवं चातुर्मास समिति, विकास नगर के तत्वावधान में आयोजित चातुर्मास धर्मसभा में साध्वी सौम्य दर्शना श्री जी महाराज ने कहा कि पवित्र भाव के बिना पुण्य कर्म नहीं होता और बिना पुण्य के सुख-समृद्धि संभव नहीं। उन्होंने बताया कि यदि व्यापार में आर्थिक लाभ नहीं हो रहा हो, तो परमात्मा को पीले पुष्प अर्पित कर शुद्ध भाव से प्रार्थना करें, इससे स्वार्थ की दुर्गंध दूर होती है और पुण्य में वृद्धि होती है।साध्वी जी ने कहा कि आलस्य जीवन को नींद में डाल देता है, इसलिए हर समय जागरूक रहना आवश्यक है। व्यापार में कर्मचारियों को समय पर वेतन देने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि इससे उनके मन से प्रसन्नता और दुआएं मिलती हैं, जो व्यापार में खुशहाली लाती हैं।इस अवसर पर अनेक तपस्वियों की अनुमोदना की गई। कार्यक्रम में ट्रस्ट अध्यक्ष राकेश जैन आंचलिया, संयोजक राजमल छाजेड़, सचिव राजेंद्र बंबोरिया, राहुल जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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