नीमच टुडे न्यूज़ | चीताखेड़ा सहित आसपास के क्षेत्र में रविवार को आसमान से रात को शुरू हुई बेमौसम आफत की बारिश से कुछ लोगों को राहत मिली तो कई किसानों को इस बारिश की वजह से नुकसान भी झेलना पड़ा। रविवार को रात्रि 8 बजे से लेकर सोमवार को शाम को समाचार लिखने तक 6 बजे तक बारिश लगातार अनवरत कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश होने से पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ठंडी हवाएं चलने से मौसम में ठंडक घुल गई, जिससे कई लोगों ने तो समय से पूर्व ही ऊनी वस्त्र निकाल लिए हैं। गांव में कहीं शौक निवारण तो कहीं शादी ब्याह कार्यक्रम आयोजित हो रहे थे जहां सारी व्यवस्थाएं चौपट हो गई। वहीं सहभोज व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हो गया। सहभोज के लिए भी ऐन वक्त पर इधर उधर व्यवस्था करनी पड़ी। रविवार रात्रि 8 बजे रिमझिम बारिश शुरू हुई जो रात भर चलती रही सोमवार सुबह 10 बजते ही बारिश ने रफ्तार पकड़ी पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

किसानों का कहना है कि मावठे के रूप में बेमौसम बारिश होने से किसानों को राहत के साथ आफत भी झेलनी पड़ रही है। राहत इस तरह कि किसान भाई इस समय रबी सीजन की फसल की बुआई में लगे हुए हैं। 20 प्रतिशत किसान सरसों सहित गेहूं-चना की बुआई कर चुके है इसलिए उनको दो-दो घंटे की बारिश से एक पानी की राहत मिली है जिससे लाइट में लगने वाले पैसे की बचत हुई है। साथ पानी गिरने से मौसम में नमी आ गई है जिससे एक सप्ताह से अधिक तक सिंचाई नही करनी पड़ेगी। आफत इस तरह से कि दिन एवं रात में हुई दो दो घंटे की बारिश से 100 दिन से अधिक समय तक में पकने वाली सोयाबीन कहीं-कहीं खेतों में खड़ी हुई है तो कहीं कहीं पर काट ली गई है जिसके गीली होने से नुकसान हुआ है। साथ ही अचानक हुई इस बारिश से खलिहान में पड़ा हुआ सोयाबीन एव मक्का का मवेशियों का आहार पानी लगने से खाने योग्य नहीं रहेगा, जिसकी चिंता भी किसानों को है। चीताखेड़ा गांव के अफीम मुखिया रतनलाल माली ने बताया है कि जिन किसानों ने अफीम फसल के पट्टे के आधार पर खेत तैयार कर खेत में पोस्ते (बीज) डाल दिए हैं अंकुरित नहीं हुए हैं वो पोस्ते बीज अंकुरित नहीं होंगे और खेत में ही सड़ गल जाएंगे। अफीम फसल के लिए यह बारिश का पानी जहर (ऐसिड)है । इसके अलावा भी रबी सीजन की गेहूं,चना,अलसी, मेंथी, मसूर आदि फसलों की बुवाई कर दी है और इनका बीज अंकुरित नहीं हुआ है तो उन किसानों पर आर्थिक रूप से दोहरी मार पड़ेगी और फिर से खेतों को हांक जोतकर खेत तैयार करना पड़ेगा। पीठ गांव के किसान नरेश पाटीदार ने बताया है कि जिन किसान भाइयों ने अभी तक गेंहू चने की बुआई नहीं की है उनकोअब एक सप्ताह तक खेतों में नमी खत्म होने का इंतजार करना पड़ेगा तभी बुआई हो सकेगी। इस बारिश से भले ही किसानों को राहत और आफत मिली हो पर आमजन को दो तीन दिनों से हो रही भारी उमस ओर गरमी से बहुत राहत मिली है। सोमवार को दिनभर चली रिमझिम और तेज बारिश होने से लोगों को सर्दी आने का अहसास भी करा दिया। रविवार और सोमवार को दिनभर सूर्य देवता के दर्शन नहीं हुए।