ज्ञान के बिना मनुष्य जीवन पशु जैसा होता है,आचार्य प्रशमेशप्रभ ने धर्म सभा में कहा, मुमुक्ष विधि जैन शाह का का किया सम्मान,|@NeemuchToday

नीमच टुडे न्यूज़ । मनुष्य जीवन में पशुता मिटाने के लिए ज्ञान अर्जन करने का श्रेष्ठ दिन ज्ञान पंचमी होता है। ज्ञान पंचमी की आराधना करने वाला ज्ञानी कभी भूखा नहीं रहता है। ज्ञानी व्यक्ति को कभी दुःख परेशान नहीं करता है इसलिए इस ज्ञान पंचमी को सौभाग्य पंचमी भी कहा जाता है। आज के दिन लाभ बहुत प्राप्त होता है इसलिए लाभ पंचमी भी बोलते हैं। वरदत और गुण मंजरी ने पूर्व जन्म में पुस्तक जलाई थी, ज्ञान की असातना की थी इसलिए रोगी बने, गूंगे बने ,बहरे बने इस जन्म में वापस ज्ञान की आराधना करने से राजा रानी बने और मोक्ष को प्राप्त कर हुए थे । ज्ञान  से विवेक की प्राप्ति होती है ज्ञान वाला इंसान कभी भट्कता नहीं है और बिना भटके लक्ष्य और मंजिल पर शीघ्र और सरलता से पहुंच जाता है। ज्ञान के बिना मनुष्य जीवन पशु जैसा होता है। यह बात आचार्य श्री विजय प्रशमेश प्रभ सुरीश्वर जी मसा  ने कही।वे श्री जैन श्वेतांबर भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर मंडल के तत्वाधान में चातुर्मास के उपलक्ष्य में मिडिल स्कूल मैदान स्थित  जैन भवन में आयोजित धर्म सभा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जहां वास्तव में आवश्यकता हो वही दान  देना चाहिए। जिन शासन धर्म शास्त्रों के अनुसार जहां धर्म क्षेत्र में कुछ भी नहीं है ।जहां आवश्यकता है उसी स्थान पर दान देना चाहिए आवश्यकता अनुसार दान दिया तो वह सर्वश्रेष्ठ पुण्यदान कहलाता है। आराधना  कर असातना के कारणों को दूर करना होगा ।धर्म साधना करने वाला अधर्म से दूर रहे तभी धर्म साधना सार्थक होती है धर्म साधना में कहा था याद कर ली तो ज्ञान पंचमी सार्थक होगी ज्ञान का ज्ञान की आराधना 24 घंटे 12 महीने करना चाहिए तभी ज्ञान पंचमी मनाना सार्थक होगा। स्त्री सौभाग्यवती है जिनके पति जीवित आधार है पत्नी का आधार पति होता है। ज्ञान की प्राप्ति करने वाला मोक्ष जाता है इसलिए सौभाग्यशाली होता है ।ज्ञान का फल वीरती है विरती का फल मुक्ति होता है ज्ञान का फल भी मोक्ष होता है। जिस प्रकार रोग को दूर करने के लिए ऑपरेशन  दर्द को दूर करने का कारण है ऑपरेशन से रोग मिट जाता है इसलिए ऑपरेशन रोग मिटाने वाला है इसलिए ऑपरेशन अच्छा कहलाता है ।ज्ञान मोक्ष नहीं है। ज्ञान मोक्ष का कारण है। इस अवसर पर मुम्बई  निवासी सीए मुमुक्षु सुश्री विधि  शाह जैन के सुरत में दीक्षा मुहूर्त की स्वीकृति के उपलक्ष्य में श्री भीड़  भंजन पार्श्वनाथ मंदिर मंडल ट्रस्ट संघ पदाधिकारीयों द्वारा शाल श्रीफल मोती माला से सम्मान किया गया।
इस अवसर पर   समाज जनों द्वारा निरंतर आयम्बिल तप, उपवास,छठ ,अठ्म ,तेला,बियासना, एकासना की तपस्या की जा रही है। जिसमें 90 श्रद्धालु भक्तों द्वारा वर्षितप की तपस्या निरंतर चल रही है।   श्री संघ अध्यक्ष अनिल नागौरी सचिव मनीष कोठारी ने बताया कि 
इस अवसर पर विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों आयोजित किए गए  जिसमें समाज जनों ने उत्साह के साथ सहभागिता निभाई इस अवसर पर विभिन्न तपस्वियों की अनुमोदना तपस्वी अमर रहे ... तपस्या करने वाले को धन्यवाद ...हर्ष हर्ष जय जय की जय घोष से की गई।आचार्य श्री विजय प्रशमेश प्रभ  सूरीश्वर मसा एवं मुनिराज श्री नीति प्रभ विजय मसा आदि ठाणा 2 एवं साध्वी  श्रुतवर्धन मसा एवं साध्वी विरति‌ प्रिया मसा आदि ठाणा 9 के सानिध्य में  श्वेतांबर जैन समाज भीड भंजन पार्श्वनाथ मंदिर परिसर में सुबह 6बजे भक्ति, 6:15 बजे अभिषेक,  प्रतिदिन सुबह 9 बजे  अमृत प्रवचन नुतन आराधना जैन भवन में तथा शाम 4 बजे प्रतिक्रमण  मंदिर में भक्ति  सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के कार्यक्रम  आयोजित किए जा रहे हैं।

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